वाशिंगटन. अमेरिका ने जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना इंक को कहा है कि ये कंपनी भारी मात्रा में कोरोनावायरस वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए तैयार रहें. इन कंपनियों के अलावा दो और कंपनियों को इस काम के लिए तैयार रहने को कहा गया है. हांलाकि अभी तक घोषित तौर पर कोई सुरक्षित कोरोनावायरस वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है.
दुनिया भर में 35000 लोगों की जान ले चुके कोविड-19 वायरस से लडऩे वाली कोई दवा या वैक्सीन अभी तक नहीं खोज़ी गई है. हांलाकि दुनिया भर की दवा कंपनी और वैज्ञानिक इस काम में लगे हुए हैं. अभी तक के शोध के आधार पर यह कहा जा रहा है कि इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन 2021 से पहले तैयार नहीं हो पाएगी. क्योंकि अगर कोई वैक्सीन तैयार हो भी जाती है तो जब तक इसका क्लीनिकल टेस्ट नहीं होता है, उसके प्रभावी होने पर शक रहेगा.
सोमवार को जॉनसन एंड जॉनसन ने यह घोषणा की है कि उसने सरकार के साथ 1 बिलियन यूएस डॉलर का कऱार किया है. इस कऱार के तहत यह कंपनी 1 बिलियन वैक्सीन बनाने की क्षमता तैयार करेगी. मॉडर्ना ने भी अमेरिकी प्रशासन के साथ करार किया है. इस कंपनी ने एक वैक्सीन का बहुत शुरूआती परिक्षण लोगों में शुरू किया है.
दरअसल अमेरिका चाहता है कि बड़ी दवा कंपनी भारी मात्रा में इस वायरस की वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए तैयार रहें. अमेरिका का स्वास्थ विभाग किस्तों में जॉनसन एंड जॉनसन को इन कोशिशों के लिए 420 मिलियन यूएस डॉलर देगा. दूसरी कंपनी यानि मॉडर्ना को अमेरिका सरकार कितना पैसा देगी यह नहीं बताया गया है.
अमेरिका ने फि़लहाल 5 से 6 वैक्सीन के मानव परिक्षण की योजना बनाई है. उसे उम्मीद है कि इन में से दो तीन वैक्सीन परिक्षण कामयाब हो सकते हैं. हांलाकि विशेषज्ञ मानते हैं कि एक सुरक्षित वैक्सीन बनाने में कम से कम 12 से 18 महीन लग सकते हैं. लेकिन अमेरिका की योजना है कि एक बार वैक्सीन बन जाए तो उसके उत्पादन और वितरण की तैयारी में समय ना लगे. फि़लहाल दर्जनों कोरोनावायरस वैक्सीन पर रिसर्च चल रही है और उन्हे बनाया जा रहा है. लेकिन अभी तक साफ़ नहीं है कि लोगों में इस वायरस से लडऩे की क्षमता विकसित हो जाएगी या फिर किसी वैक्सीन की ज़रूरत पड़ेगी.