नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात नौ बजे, घर की लाइटें बंद करके घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े होकर दीया जलाने की अपील देश के लोगों से की है. इसके बाद कहा जा रहा है कि एर साथ बिजली की आपूर्ति घटने से बिजली ग्रिड फेल हो सकती है और इमरजेंसी सेवाएं ठप हो सकती हैं. इसको लेकर बिजली मंत्रालय ने कहा है कि पीएम ने स्वेच्छा से लाइट बंद करने की अपील की है. कुछ आशंकाएं व्यक्त की गई हैं कि इससे ग्रिड और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव हो सकता है जो बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसी आशंकाएं गलत हैं.
बिजली मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि स्ट्रीट लाइट या घरों के उपकरणों को बंद करने के लिए नहीं कहा गया है. केवल घर के बल्ब के लिए कहा गया है, जिससे रोशनी कम हो जाए. अस्पतालों और अन्य आवश्यक सेवाओं में लाइटें भी जली रहेगी. स्थानीय निकायों को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए स्ट्रीट लाइट जलाए रखने की सलाह दी गई है.
बता दें कि महाराष्ट्र के बिजली मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वो दीपक जलाएं लेकिन सभी लाइटें बंद ना करें, वहीं उत्तर प्रदेश में भी बिजली विभाग अलर्ट पर है. बिजली विभाग का कहना है कि एकदम से लोड का बहुत ज्यादा घटना और फिर कुछ मिनट बाद बहुत तेजी से बढऩा बहुत मुश्किल खड़ी कर सकता है.
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि एक साथ लाइट ऑफ करने से ग्रिड ट्रिप कर सकता है और इमरजेंसी सेवा ठप हो सकती है. जिसे ठीक करने में हफ्तों का समय लग सकता है. ऐसे में घरों में लाइटें भी जलने दें और दीपक भी बालकनी में साथ-साथ जला लें. इसके अलावा यूपी में भी बिजलीकर्मियों को विभाग की तरफ से अलर्ट रहने को कहा गया है. कहा गया है कि 9 बजे एकदम से लोड कम होने और 9.09 मिनट पर अचानक लोड बढऩे से ग्रिड पर संकट आ सकता है. बिजलीकर्मियों को स्टैंडवाय के लिए कहा गया है, ताकि ऐसे हालात होने पर संभाला जा सके.