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धोनी को टीआरडीडब्ल्यू में शामिल करने के लिए वेंगसरकर ने बीसीसीआई का नियम तोड़ा था

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मुंबई. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चयनसमिति के अध्यक्ष रह चुके दिलीप वेंगसरकर ने महेंद्र सिंह धोनी के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के टैलेंट रिसोर्स डेवलपमेंट विंग (टीआरडीडब्ल्यू) का नियम तोड़ा था. चयन समिति का अध्यक्ष बनने से पहले वेंगसरकर टीआरडीडब्ल्यू से जुड़े हुए थे.

टीआरडीडब्ल्यू में धोनी जब शामिल हुए तब उनकी उम्र 21 वर्ष की थी, जबकि इसके लिए खिलाडिय़ों की उम्र सीमा 19 वर्ष थी. धोनी के लिए वेंगसरकर ने उम्र सीमा का नियम तोड़ा था, लेकिन उसके पीछे एक मजेदार किस्सा है.

वेंगसरकर के कार्यकाल में ही महेंद्र सिंह धोनी कप्तान बने थे और उसी दौरान टीम में विराट कोहली की एंट्री हुई थी. वेंगसरकर ने कम उम्र में ही विराट कोहली की प्रतिभा को पहचाना था. इसके अलावा धोनी के टीम इंडिया में एंट्री का भी काफी श्रेय वेंगसरकर को ही जाता है.

धोनी को टीआरडीडब्ल्यू में शामिल करने के पीछे की कहानी

उन्होंने बताया कि महेन्द्र सिंह धोनी को 21 साल की उम्र में टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था, जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी. वेंगसरकर ने बताया कि इसके पीछे काफी दिलचस्प कहानी है. उन्होंने कहा बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को इसमें शामिल किया गया था. पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गए थे.

उस समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम वनडे मैच खेल रही थी और गेंद बार-बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी. इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई की इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है. जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे में पता चला.

एनसीए की मौजूदा स्थिति से खुश नहीं वेंगसरकर

वेंगसरकर ने कहा, ‘पोद्दार के कहने पर 21 साल की उम्र में धोनी को टीआरडीडब्ल्यू कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया.’ उन्होंने बताया कि टीआरडीडब्ल्यू को पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने शुरू किया था. डालमिया के चुनाव हारने के बाद हालांकि इसे बंद कर दिया गया. उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की मौजूदा स्थिति पर निराशा जताते हुए कहा कि यह प्रतिभा निखारने के बजाय खिलाडियों का रिहैब्लिटेशन का केन्द्र बनता जा रहा है.

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