नई दिल्ली- देश के मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार 15 अप्रैल को जून से सितंबर के बीच लंबी अवधि वाले दक्षिण-पश्चिमी मानसून को लेकर लॉंग रेंज फॉरकॉस्ट (एलआरएफ) ने अपनी पहली भविष्यवाणी जारी कर दी है. इस भविष्यवाणी के अनुसार 2020 में भी मानसून सामान्य ही रहने वाला है. इसका मतलब यह है कि इस साल किसानों और आम लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं होगी.
देश के भू-विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से मीडिया को यह जानकारी दी है. माधवन ने कहा कि, इस साल मानसून इसकी लंबी अवधि में 100 प्रतिशत रहेगा. इसका मतलब है कि यह सामान्य रहेगा. बता दें कि लॉन्ग रेंज मॉनसून फोरकास्ट हर साल मौसम विभाग द्वारा जारी की जाती है जिसमें उस साल के मानसून के दौरान देश में बारिश का अनुमान जताया जाता है.
हालांकि, मौसम विभाग के पहले एक निजी एजेंसी पहले ही इस साल के मानसून की भविष्यवाणी कर चुकी है. इसके अनुसार, इस साल मानसून सामान्य से ज्यादा होगा और जरूरत से ज्यादा बरसात होगी. देश में ऐसा मौसम ला नीना की स्थितियों के कारण होगा. मौसम की भविष्यवाणी करने वाले आईबीएम के इस उपक्रम ने घोषणा की कि मानसून वर्ष 2020 में केरल में तय समय से एक दिन पहले यानी 31 मई को ही दाखिल हो सकता है.
अगर यह भविष्यवाणी सही हुई तो भारत में लगातार दूसरे साल सामान्य से अधिक वर्षा होगी. भविष्यवाणी के मुताबिक यह बात एकदम पक्की है कि इस साल सामान्य से अधिक बरसात होनी है. 105 फीसद ऐसा होना है, लेकिन अगली भविष्यवाणी तक मानसून की तीव्रता और बढऩे का अनुमान है.
अप्रैल की शुरुआत में जो डाटा मिलेगा उससे आगे की तस्वीर और साफ होगी. मानसून की अवधि के दौरान कमजोर अलनीनो से ला नीना के हालात बन सकते हैं. इससे वातावरण में व्यापक पैटर्न बनेगा. इससे मानसून के आखिर में होने वाली बरसात और जमकर होगी. अगर हिंद महासागर का जल क्षेत्र ठंडा रहा तो पिछले साल की ही तरह इस साल भी 110 फीसद बारिश हो सकती है. भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान इस माह के अंत में मानसून की भविष्यवाणी करेगा.