पालघर. पालघर जिला के कासा पुलिस स्टेशन अंतर्गत महाराष्ट्र और दादरा नगर हवेली बॉर्डर पर स्थित गडचिंचले गांव में संतों की पीट-पीटकर हत्या से संत समाज के साथ लोग स्तब्ध हैं. पुलिस की मौजूदगी में इस तरह के अमानवीय कृत्य से प्रशासन पर भी उंगलियां उठ रही हैं. लोग इस घटना को किसी साजिश के साथ जोड़कर देख रहे हैं.
हमारा गांव, हमारा कानून वालों के सामने असहाय बने कानून के रखवालों की मौजूदगी में इस हत्याकांड में पालघर पुलिस ने करीब 101 लोगों को गिरफ्तार कर शनिवार को दहानू कोर्ट में पेश किया.कोर्ट ने गिरफ्तार आरोपियों में से 9 नाबालिगों को भिवंडी सुधारगृह और बाकी सभी को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
मुंबई के जोगेश्वरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के महंत सुशील गिरी महाराज ( 35 ), निलेश तेलगडे (30 ), महंत चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी (70 ) गुरुवार को लॉकडाउन के कारण दादरा नगर हवेली के रास्ते इको कार में सवार होकर अपने गुरु की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे.
कासा पुलिस स्टेशन अंतर्गत महाराष्ट्र और दादरा नगर हवेली बॉर्डर पर रात करीब 10 बजे 400 से 500 तक गडचिंचले गांव वालों ने इनकी कार को रोककर लाठी,डंडे, हथियार से हमला कर तीनों को मौत के घाट उतार दिया.
बताया जाता है कि घटनास्थल पर पहुंची पुलिस पर भी भीड़ ने हमला कर दिया और उनकी गाड़ियों को भी तोड़ डाला, इस हमले में 2 पुलिस के जवान घायल हो गए संतों की मौत का तमाशा देखता रहा कानून घटना के जो वीडियो सामने आये हैं उसमें यह साफ दिखाई दे रहा है कि किस प्रकार कानून के रखवाले सिपाही अपंग बेबस नजर आ रहे हैं. संत कभी पुलिस से तो कभी भीड़ से अपनी जान की दुहाई मांगते रहे.
संतों को लग रहा था कि मौजूद पुलिस उन्हें बचा लेगी, लेकिन पुलिस ने खुद की जान तो बचा ली पर संतों की जान बचाने की कोशिश नहीं की. घटनास्थल पर मौजूद पुलिस बेबस और अपंग बनी रही. घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर अब निशानिया सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन इलाकों में कानून का नहीं, हमारा गांव, हमारा राज का नारा लगाने वालों का राज चलता है.
हत्यारों को मिले कड़ी सजा इस घटना के बाद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा वाराणसी उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने दुःख जताते हुए कहा कि जिस तरह बेरहमी से संतों की हत्या की गई, यह बहुत शर्म की बात है.हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसके लिए हम केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से मांग करते हैं.यह सभी महंत हमारे अखाड़े के सदस्य थे.