- जिस नेता पर गंभीर अपराध का आरोप हो
- उसे करीब पांच साल तक की सजा मुमकिन हो
- चुनाव से कम से कम 6 महीने पहले केस दर्ज हुआ हो
नई दिल्ली। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में सुधार के लिए और देश की राजनीति की दशा एवं दिशा को संवारने के लिए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि गंभीर अपराध के आरोपी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगे।
इस सिलसिले में आयोग ने कहा कि जिस नेता पर गंभीर अपराध का आरोप हो और उस मामले में उसे करीब पांच साल तक की सजा मुमकिन हो तो ऐसे नेताओं पर चुनाव लड़ने की रोक लगनी चाहिए बशर्ते उस नेता पर चुनाव से कम से कम 6 महीने पहले केस दर्ज हुआ हो। आयोग ने कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में सुधार होना जरूरी है और केंद्र को इसके लिए निर्देश जारी किए जाएं।
हालांकि कोर्ट आयोग के इस हलफनामे पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। आयोग ने कोर्ट में तर्क दिया कि चुनावों के दौरान पार्टियों के बीच पारदर्शिता सुनिश्चित करने के संसद को कानून में सुधार करना चाहिए और इसके लिए दिशा-निर्देश बनाने चाहिएं। आयोग के मुताबिक इस कदम से आपराधिक तत्वों का प्रभाव कम होगा और साफ-सुधरी राजनीति को बढ़ावा मिलेगा।