Tuesday , April 23 2024
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लॉकडाउन ने रोकी देश में कोरोना की रफ्तार, नहीं तो लगभग एक लाख केस होते: स्वास्थ्य मंत्रालय

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नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थितियों के समाधान के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस हुई. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के 15 जिलों में 28 दिनों में कोराना वायरस का नया मामला नहीं आया है. वहीं देश के 80 जिले हैं जहां पिछले 14 दिनों से कोई मामला नहीं आया है. यदि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो अब तक 1 लाख के लगभग कोरोना पाजीटिव के मामले आते, लेकिन लॉकडाउन ने इसकी रफ्तार को काफी कम कर दिया है.

पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 1684 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जो हमारे कुल पुष्टि मामले को 23,077 तक ले जाता है. कल से आज तक 491 लोग ठीक हुए हैं, ठीक होने वालों की कुल संख्या 4748 हो गए हैं, अब हमारा रिकवरी रेट 20.57 प्रतिशत है. हमारी रिकवरी दर 20.57 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि हम कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की जांच करने के लिए जिला, राज्य स्तरों पर सामुदायिक निगरानी को लागू कर रहे हैं. 

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव है पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि जो क्षेत्र कंटेंनमेंट या हॉट स्पॉट नहीं है, वहां 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों की अनुमति दी गई है, लेकिन गलत व्याख्या की वजह से आशंका थी कि फैक्ट्री में कोविड केस मिलने पर फैक्ट्री के मालिक को सजा हो सकती है या फैक्ट्री 3 महीने के लिए सील हो सकती है. इसलिए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

डबलिंग डाइम 9 दिन तक पहुंचा

रोग नियंत्रण केंद्र के निदेयाक डॉ. सुजीत सिंह ने कहा कि आज हमारा डबलिंग टाइम 9 दिन तक पहुंच गया है, ये दिखाता है कि जो महामारी तेज गति से फैल रही थी, उस पर हम किस हद तक अपने प्रयासों से रोक लगा पाए हैं. कोविड-9 के खिलाफ लड़ाई में निगरानी हमारा प्राथमिक हथियार है. लगभग 9.45 लाख लोग निगरानी प्रणाली पर हैं. नीति आयोग के सदस्य और अधिकार प्राप्त समूह 1 के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन कोविड-2019 की डब्लिलिंग दर को धीमा करने और जान बचाने में प्रभावी रहा है. लॉकडाउन का निर्णय समय पर था, क्योंकि भारत में लगभग 23,000 मामले आज 73,000 हो सकते हैं.

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