कनाडा. कनाडा में भी हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. यहां अभी तक 44,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जबकि 2300 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो चुकी है. एक नई रिपोर्ट में सामने आया है कि कनाडा में कोरोना से हुईं मौतों में अधिकतर लोगों की उम्र 50 से ज्यादा है, जबकि इनमें से करीब 63% लोग मोंट्रियल और देश के अन्य शहरों में स्थित ओल्ड ऐज होम्स में रह रहे थे.
अब सवाल उठ रहा है कि क्या इटली, स्पेन, UK और अमेरिका में सामने आए कुछ मामलों की तरह यहां भी बूढ़ों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था.
कनाडा की राजधानी मोंट्रियल में अभी तक कोरोना के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं. मोंट्रियल के ओल्ड ऐज केयर होम में काम करने वालीं नेटली स्टेक डूशेट के मुताबिक उनके यहां रहने वाले सभी 180 बुजुर्ग कोरोना की चपेट में आ गए हैं. नेटली के मुताबिक हमें पता था कि ये होने जा रहा है लेकिन हमारी बातों की तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया.
अल जजीरा से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे पास अस्पतालों जैसी कोई सुविधा नहीं थी, हमारे पास मेडिकल इक्विपमेंट भी नहीं थे. इसी के चलते कोरोना संक्रमण ओल्ड ऐज होम्स में जंगल की आग की तरह फ़ैल गया. नेटली के मुताबिक देश भर के ओल्ड ऐज होम्स में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति यही है.
बता दें कि कनाडा में ओल्ड ऐज होम्स को लॉन्ग टर्म केयर फैसिलिटी के नाम से जाना जाता है. कनाडा के क्यूबेक शहर में हुईं मौतों में से 97% की उम्र 60 से ज्यादा है और इनमें से ज्यादातर ओल्ड ऐज होम्स में ही रह रहे थे. मोंट्रियल और क्यूबेक में कोरोना से हुईं मौतों में से 63% CHSLDs में ही हुईं हैं. बताया जा रहा है कि करीब 16% मौतें प्राइवेट नर्सिंग होम में हुई हैं और इनमें भी ज्यादातर 60 से ऊपर के ही लोग शामिल हैं.
कनाडाई मीडिया के मुताबिक ऐसे केयर होम्स में काम करने वाले लोगों के पास PPE और सही मास्क-दस्ताने तक नहीं हैं और इसलिए ही ये लोग इलाज से भी हिचक रहे हैं. क्यूबेक नर्स एसोसिएशन ने ऐसे केयर होम्स की मदद करने का ऐलान किया है हालांकि जब उनकी टीम यहां पहुंची और हालत देखी तो उन्होंने इसे नेशनल क्राइसिस बताया.