नई दिल्ली। अयोध्या विवाद को लेकर अब मुस्लिम संगठनों के बीच ही मतभेद दिखने लगा है. एक तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का कहना है कि वो इस बारे में किसी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं है तो वहीं अयोध्या विवाद को सुलझाने में लगे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के वरिष्ठ सदस्य सलमान हैदर नदवी पर गाज गिरने के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी भड़क गए हैं। उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से नदवी को निकलने पर जमकर भड़ास निकालते हुए एईएमपीएलबी को आतंकी संगठन बता दिया है।
उनका कहना है कि एआईएमपीएलबी ने तानाशाही तरीके से नदवी को बाहर किया है, ऐसे में उस पर प्रतिबंध ही लगा देना चाहिए। रिजवी का कहना है कि जो इंसान एक गंभीर मसले के हल निकालने में लगा है, उसके साथ ऐसे सलूक जायज नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने एआईएमपीएलबी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भारत के मुसलमानों से जुड़े ज़्यादातर मसले पाक और सऊदी अरब के आतंकी संगठन तय करते हैं। एआईएमपीएलबी भी इन्हीं संगठनों की एक शाखा के तौर पर काम कर रही है। वह जानबूझकर उन आतंकी संगठनों के इशारे पर देश के अंदर का माहोल ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले एआईएमपीएलबी ने अयोध्या विवाद पर सुलह की सलाह देने वाले बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना सैयद सलमान हुसैन नदवी को संगठन से बाहर निकालते हुए कहा था कि बाबरी मस्जिद जैसे संजीदा मामले में जहां करोंड़ो मुसलमानों की इससे आस्था जुड़ी है, ऐसे में मुस्लिम समुदाय किसी भी तरह से त्याग या ज़मीन दान करने की बात सोच भी नहीं सकता.
वहीं इस मामले में एआईएमपीएलबी से बर्ख़ास्त सदस्य नदवी का कहना है, ‘शरीयत में मस्जिद के स्थानांतरण को लेकर रास्ता बताया गया है। मैं हिंदू-मुस्लिम एकता को बरकरार रखते हुए इस मुद्दे को सुलझाने की बात कर रहा हूं। मैं अयोध्या में साधु-संतो से मुलाक़ात करुंगा इसके अलावा पूरे भारत के हिंदू भाइयों से इस बारे में चर्चा करूंगा।