लखनऊ. महाराष्ट्र के नासिक से करीब 850 मजदूरों और कामगारों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार सुबह लखनऊ के चारबाग स्टेशन पहुंची. चारबाग पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी श्रमिकों और कामगारों की थर्मल स्क्रीनिंग की उसके बाद उन्हें बसों के माध्यम से अलग-अलग जिलों के लिए रवाना किया. महराष्ट्र से आए सभी लोगों को उनके जिले में 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा. उसके बाद सभी के स्वस्थ्य रहने पर उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाएगी.
लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों व कामगारों के लखनऊ पहुंचने के बाद उनके चेहरे पर राहत देखने को मिली. लखनऊ पहुंचने वालों में महिलाएं और बच्चे भी थे. नासिक से आए एक युवक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए बताया कि किस तरह वे लोग महराष्ट्र में रह रहे थे. कुछ का कहना था कि वे घर पहुंचने की उम्मीद छोड़ चुके थे.
लॉकडाउन में काम भी नहीं मिल रहा था और पैसे भी खत्म हो गए थे. ऐसे में उनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई थी. गाजीपुर के रहने वाले विजय कुमार महाराष्ट्र में एक मिठाई की दुकान पर काम कर अपना गुज़र बसर कर रहे थे. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से मालिक ने पहले तो कुछ पैसे दिए लेकिन बाद में हाथ खड़े कर लिए.
विजय जब अपने घर जाने के लिए निकले तो पुलिसकर्मी ने उन्हें नासिक में हिरासत में लेकर शेल्टर होम भेज दिया. लेकिन जब खबर मिली कि केंद्र और प्रदेश सरकार ऐसे श्रमिकों के लिए आपरेशन चलाने जा रही हैं तो विजय कुमार ने राहत की सांस ली. अब विजय अपने घर पहुंचने को लेकर बेहद उत्साहित हैं. उनका कहना है कि फ़िलहाल वो कोरोना काल में कुछ वक़्त अपने परिवार के साथ बिताने के बाद ये फ़ैसला करेंगे की उन्हें क्या करना हैं.
करीब 850 मजदूरों और कामगारों को लेकर पहुंची ट्रेन के डिब्बे को एक-एक कर खोला गया और उसमें से यात्रियों को उतारा गया. इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए सभी की स्क्रीनिंग की गई. इसके बाद चारबाग़ के बाहर खड़ी यूपी रोडवेज़ की बसों के माध्यम से उनके जिलों के लिए रवाना किया गया.