नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दुनिया के अनेक देशों में लॉकडाउन लागू किया गया है. देश में लॉकडाउन लागू होने के पूर्व भारत सरकार द्वारा विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को भारत वापस लाया गया था, लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद सभी हवायें सेवायें बंद कर दी थीं.
वहीं अब भारत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से भारत वापस लाने के लिए भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार ने सोमवार को जानकारी दी कि ये अभियान 7 मई से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा. इसे अब तक का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन बताया जा रहा है.
विदेश में रह रहे इन भारतीयों को वापस लाने के लिए यात्रा की व्यवस्था हवाई जहाज़ और नौ-सेना के जहाज़ों द्वारा की जाएगी. इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 22 मार्च से सभी अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी.
विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं जो कि वापस आने के लिए परेशान हैं. ऐसे यात्रियों को वापस लौटने के लिए अपना खर्च उठाना होगा. हवाई यात्रा के लिए गैर निर्धारित कॉमर्शियल फ्लाइट्स का इंतजाम किया जाएगा. यह यात्राएं 7 मई से चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ होंगी. उड़ान भरने से पहले सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी. केवल बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी. यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
बताया जा रहा है कि गंतव्य पर पहुंच कर सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर करना होगा. सभी की मेडिकल जांच की जाएगी. जांच के बाद संबंधित राज्य सरकार द्वारा उन्हें अस्पताल में या संस्थागत क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए रखा जाएगा. जिसका भुगतान उन्हें ही करना होगा. इन सभी का 14 दिन के बाद दोबारा कोरोना टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी.