नई दिल्ली. सरकार ने गुरुवार से विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वंदे भारत मिशन की तैयारी कर ली है. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज यहां अपने कार्यालय में वेबिनार के माध्यम से कई बैठकें करके इन तैयारियों की समीक्षा की.
डॉ. जयशंकर ने यहां ट्वीट करके बताया कि सरकार ने वंदे भारत मिशन की तैयारियां शुरू कर दीं हैं और सात मई से विदेशों से भारतीयों को स्वदेश लाने की योजना बनाई जा रही है. विदेशों में जो भारतीय स्वदेश लौटने के इच्छुक हैं, वे भारतीय दूतावासों एवं उच्चायोगों से नियमित संपर्क में रहें.
विदेश मंत्री ने कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिल कर विदेशों से भारतीयों की वापसी की तैयारियों का समन्वय कर रहे हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि हमारे सामूहिक प्रयास सफल रहेंगे. इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि पहले चरण में 64 विशेष उड़ानों का परिचालन किया जायेगा जिनमें 12 देशों से 15,000 लोगों को वापस लाया जायेगा.
पुरी के अनुसार 07 मई से 13 मई के बीच सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की 64 उड़ानों का परिचालन किया जायेगा. सऊदी अरब से 10 उड़ानें, अमेरिका ब्रिटेन और मलेशिया से सात-सात उड़ानें, सऊदी अरब, सिंगापुर, फिलिपींस और कुवैत से पाँच-पाँच उड़ानें तथा कतर, बहरीन और ओमान से दो-दो उड़ानें भारतीय नागरिकों को देश के विभिन्न राज्यों में पहुँचायेंगी. सबसे ज्यादा 15 उड़ानें केरल आयेंगी जिनमें सात देशों से लोगों को लाया जायेगा.
तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर लोगों को लेकर 11-11 उड़ानें आयेंगी. दोनों राज्यों में नौ-नौ देेशों से यात्रियों को लाया जायेगा.इन उड़ानों का किराया और स्वदेश वापसी के बाद 14 दिन के क्वारंटीन का खर्च स्वयं यात्रियों को वहन करना होगा. यात्रियों को लाते समय पूरी यात्रा के दौरान और विमान के अंदर भी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जायेगा.
विदेशी मिशन में तैनाती पर आने वाले, प्रवासी कामगार जो बेरोजगार हो गये हैं, अल्पकालिक वीसा पर गये वे लोग जिनका कोई स्थायी ठिकाना नहीं है, बीमार, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, घर में किसी की मृत्यु की दशा में आने वाले लोग, पर्यटक, विद्यार्थी जिनके छात्रावास बंद हो गये हैं, ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.