चित्तूर. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने चेन्नई और श्रीकालाहस्ती को जोडऩे वाले हाईवे को जाम कर दिया है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें गृह राज्य भेज दिया जाए. 1500 से ज्यादा संख्या में जुटे मजदूरों का कहना है कि बंद पड़ीं फैक्ट्रियां किसी को भी कपड़े और खाना नहीं उपलब्ध करा रही हैं.
लॉकडाउन के चलते कंपनियां बंद हैं और अपने कैंपस में रह रहे मजदूरों को खाना तक नहीं उपलब्ध कर रही हैं. गुस्से में आए मजदूरों का कहना है कि स्थानी प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है. स्थानीय प्रशासन ने मजदूरों को रेलवे ट्रैक से हटा दिया है. कुछ मजदूर गुडूर जंक्शन पर स्पेशल ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे. मजदूरों को जानकारी मिली थी कि एक स्पेशल ट्रेन आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच चलाई जा रही है, जिसमें बैठकर मजदूर अपने घर लौट सकेंगे.
मजदूरों को नहीं मिल रहा राशन
मजदूरों को जानकारी मिली थी कि यह ट्रेन, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल होते हुए बिहार की ओर जाएगी. हालांकि प्रशासन ने मजदूरों को रेलवे प्लेटफॉर्म और ट्रैक से हटा दिया है. मजदूर अपने राज्यों को लौटने की मांग कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश में लॉकडाउन के चलते बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के हजारों मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूर लौटने की जिद कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें स्थानीय प्रशासन खाना और जरूरी सामान भी मुहैया नहीं करा पा रहा है.
40 दिनों से फंसे हैं प्रवासी मजदूर
बीते 40 दिनों से मजदूर आंध्र प्रदेश में फंसे हैं लेकिन उनकी वापसी का इंतजाम नहीं किया जा रहा है, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें मजदूरों की घर वापसी के लिए कई स्पेशल ट्रेनें भी चला रही हैं. दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अब हर हाल में घर लौटना चाह रहे हैं.