नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार 12 मई को राष्ट्र के नाम संदेश दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया ने कभी ऐसा संकट नहीं देखा है. मोदी ने कहा कि कोरोना का संकट अभूतपूर्व है. हमें इस संकट से बचना भी है और आगे बढऩा भी है. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया और कहा कि यह आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देगा. देश में लॉकडाउन के 54 दिन में यह उनका पांचवां संदेश है. इस संदेश से पहले सोमवार 11 मई को मोदी ने मुख्यमंत्रियों से करीब 6 घंटे बातचीत की थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है. इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है. भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं. मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस किया
पीएम मोदी ने कहा, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं. सारी दुनिया जिंदगी बचाने में एक प्रकार से जंग में जुटी है. हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है. निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है. यह क्राइसिस अभूतपूर्व है, लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढऩा भी है.
संकल्प संकट से भी विराट होगा
आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा. साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है. हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है. कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं. विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत. हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है. इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है.
भारत ने आपदा को अवसर में बदला
उन्होंने कहा, मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बता रहा हूं. जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. हम ऐसा इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया. ऐसा करने की भारत की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है.