लखनऊ। कोराना महामारी के दौरान देश के सबसे बड़े और अहम सूबे की योगी सरकार केन्द्र की मोदी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लगातार चल रही है जिसकी बानगी एक बार फिर तब देखने को मिली जब केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के महज 24 घण्टे के बाद ही उद्यमियों को चेक सौंप दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ही यूपी में पीपीई किट की 26 यूनिटें खड़ी हुईं। प्रदेश में छोटी बड़ी मिलाकर 90 लाख एमएसएमई इकाईयां हैं। हमारी कोशिश है कि हर इकाई में कम से कम एक नया रोजगार सृजित किया जा सके।
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी से निपटने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी लगातार काम कर रही है। इसी के तहत गुरुवार को शुरू हुए ऋण मेले के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्यम से जुड़े उद्यमियों चेक सौंपा। केंद्र द्वारा की गई आर्थिक पैकेज की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में एमएसएमई सेक्टर के 56,754 उद्यमियों को एकमुश्त दो हजार से लेकर करोड़ तक के लोन बांटे।
केंद्र से आर्थिक पैकेज एलान के बाद यूपी पहला राज्य है जिसने लॉकडाउन अवधि में भी इतनी बड़ी धनराशि का लोन दिया है। मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को एक क्लिक पर ऑनलाइन दो हजार से लेकर दो करोड़ रुपये के लोन देकर रोजगार संगम ऑनलाइन मेला की व्यापक शुरूआत की। उद्यमियों को लोन देने के साथ ही 56754 इकाईयों से दो लाख लोगों को रोजगार की गारंटी मिल गई है। वहीं एमएसएमई सेक्टर में रोजगार उपलब्ध कराने में युद्धस्तर पर जुटे सीएम योगी ने एमएसएमई का साथी पोर्टल भी लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम की तस्वीर भी दिखाई।
सीएम योगी ने कहा कि हम कामगारों व श्रमिकों को यूपी की ताकत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए पलायन का कलंक हटाने का भी बड़ा अवसर है, इसलिए हम कामगारों व श्रमिकों की स्किलिंग की स्केलिंग भी कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अब दीपावली में चीन से गौरी-गणेश की मूर्तियां न आएं। गोरखपुर के टेराकोटा में चीन से बेहतर मूर्तियां बनाने का हुनर है। हम यूपी में देश का सबसे बड़ा एमएसएमई सेक्टर बनाना चाहते हैं। सीएम योगी ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) पर विशेष फोकस कर इस मुहिम से जुड़ने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन देने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में ओडीओपी से यूपी के उत्पादों और इस उद्यम को नई पहचान मिली है, साथ ही प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है।