नई दिल्ली। भारत में पिछले एक महीने के दौरान कोरोना वायरस के मामलों में लगभग चार गुना वृद्धि देखी गई है। जहां 15 अप्रैल तक दर्ज मामलों की संख्या 990 थी वहीं 13 मई को यह संख्या 3,525 पर पहुंच गई। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया द्वारा बुधवार को जारी किए गए डाटा से सामने आई है।
हालांकि पॉजिटिव मामलों की दर तीन से चार प्रतिशत के बीच रही है। इसकी अब तक उच्चतम सीमा 6.21 प्रतिशत रही है। इसके अलावा भारत में मरीजों के संक्रमण से ठीक होने की दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और वर्तमान में यह दर 32.8 प्रतिशत है। संस्था ने इस बात की जानकारी दी है।
बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 को लेकर राज्यों की तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा कि पिछले दो हफ्तों में डबलिंग टाइम (मामलों के दोगुना होने की दर) में 11 दिन की कमी आई है। वहीं पिछले तीन दिनों में इसमें 12.6 दिन का सुधार हुआ है। इससे संकेत मिलता है कि वायरस का फैलाव धीमा हो गया है।
मंगलवार तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू) में कोविड-19 के 2.75 प्रतिशत, वेंटिलेटर पर 0.37 प्रतिशत और ऑक्सीजन सपोर्ट पर 1.89 प्रतिशत सक्रिय मरीज हैं। नौ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
अंडमान द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, दादरा और नगर हवेली, गोवा, छत्तीसगढ़, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, दमन और दीव, सिक्किम, नागालैंड और लक्षद्वीप में 24 घंटे के दौरान कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। नमूना परीक्षण करने की क्षमता में वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार तक भारत ने अपनी 352 सरकारी प्रयोगशालाओं और 140 अनुमोदित निजी प्रयोगशालाओं में एक दिन में कोविड-19 के 94,708 नमूनों का परीक्षण किया।
वर्तमान में भारत रोजाना एक लाख परीक्षण कर सकता है। 24 जनवरी से अब तक देश में 18,56,477 परीक्षणों की जांच की जा चुकी है। हर्षवर्धन ने कहा, ‘भारत ने अब तक इस बीमारी के प्रबंधन में अच्छा काम किया है, और भविष्य में भी यदि आवश्यक हो तो रोगियों की भीड़ से निपटने के लिए हमारे पास आवश्यक बुनियादी ढांचा है।’