नई दिल्ली/लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कांग्रेस की ओर से मुहैया कराई गयी बसों को चलाने की अनुमति मांगे हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों की मदद करने को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. बस विवाद को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार जारी है.
प्रियंका गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से एक बयान में कहा, हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी. ये श्रमिक भारत की रीढ़ की हड्डी हैं. उन्होंने भारत को बनाया है. हम सभी को इनकी मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा, यह राजनीति करने का समय नहीं है. हर राजनीतिक दल अपने पूर्वाग्रहों को दूर करके लोगों की मदद में सेवा भाव के साथ शामिल हो.
लॉकडाउन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के हर जिले में स्वयंसेवियों के समूह बनाए और लोगों तक ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाने की कोशिश की. इन समूहों ने अब तक करीब 67 लाख लोगों की मदद की है. उन्होंने कहा, हमारी भावना सकारात्मक रही है और हमारा हमेशा से सेवा भाव रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार के साथ हुए संवाद का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, कुछ समय से हम कह रहे थे कि यूपी रोडवेज की बसें प्रवासी श्रमिकों के लिए उपलब्ध करा दीजिए. जब कई हादसे हुए और हमने देखा कि यूपी रोडवेज की बसें नहीं चलाई जा रही हैं तो हमने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी कि हम एक हजार बसें चला सकते हैं.
उन्होंने कहा, चार बजे तक अगर आपको उनका इस्तेमाल करना है तो करिए. अगर आपको बीजेपी के झंडे और स्टीकर लगाने हैं तो वह भी लगाइए. अगर आपको इस्तेमाल नहीं करना है तो मत करिए, हम बसों को वापस भेज देंगे. हम जैसे लोगों की मदद करते रहे हैं, वैसे आगे भी करते रहेंगे.
प्रियंका ने कहा कि अगर राजनीतिक गतिरोध का सिलसिला नहीं चलता तो अब तक हजारों मजदूर इन बसों से अपने घर जा चुके होते. कांग्रेस नेता ने कहा, ”श्रमिकों से हम कहना चाहते हैं कि पूरी कांग्रेस पार्टी आपके साथ है. हम अपनी क्षमता के अनुसार आपकी पूरी मदद करेंगे.”
गौरतलब है कि बसों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से एक दूसरे को कई पत्र लिखे गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि कांग्रेस ने 1000 से अधिक बसों का जो विवरण मुहैया कराया है, उनमें कुछ दोपहिया वाहन, एंबुलेस और कार के नंबर भी हैं. इस पर कांग्रेस ने कहा कि उसकी ओर से मुहैया कराई गई सूची में, उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद 879 बसों के सही होने की पुष्टि की है और उसे अब इन बसों को चलाने की अनुमति प्रदान कर देनी चाहिए.