नई दिल्ली. महाराष्ट्र जन संवाद वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस और शिवसेना पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर शायराना अंदाज में पलटवार किया. मिर्जा गालिब के एक शेर को अपने अंदाज में कहते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हाथ में दर्द हो तो दवा कीजै, यदि हाथ ही दर्द हो तो क्या कीजै.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सोमवार को सीमा सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर तंज कसते हुये ट्वीट कर कहा था कि सब को मालूम है सीमा की हकीकत लेकिन, दिल के खुश रखने को, शाह-यद ये ख्याल अच्छा है. इसी ट्वीट का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायराना अंदाज में दिया.
वर्चुअल रैली में चीन के मसले पर रक्षा मंत्री ने कहा कि हम किसी के मान, सम्मान पर न चोट पहुंचाते हैं और न अपने मान, सम्मान और स्वाभिमान पर चोट बदाज़्स्त कर सकते हैं. इसलिए विपक्ष को कहता हूं कि भारत-चीन मामले पर हमें ज्यादा समझाने की कोशिश मत कीजिए.
आगे राजनाथ ने कहा कि कोरोना वैश्विक बीमारी से दुनिया प्रभावित हुई है. इस चुनौती को भारत ने एक दृढ़ निश्चय के साथ स्वीकार किया. भारत सरकार के प्रयासों के कारण ही कोरोना संकट में दुनिया के कई विकसित देशों की तुलना में भारत की स्थिति काफी बेहतर है.
कोरोना को लेकर जिस प्रकार के हालात महाराष्ट्र में पैदा हुए हैं, वो एक गंभीर चिंता का विषय है. महाराष्ट्र में पैदा हुई चुनौती से निपटने के लिए जितना सहयोग हो सकता है वो सहयोग मोदी सरकार कर रही है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार तीन दलों की सरकार है. लगता है सरकार के नाम पर सर्कस हो रहा है. विकास का जिस प्रकार का विजन महाराष्ट्र सरकार के पास होना चाहिए, वो नहीं है. यहां हालात देखें तो लगता है कि महाराष्ट्र में सरकार नाम की चीज नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब चुनाव लडऩा हुआ तो बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ, लेकिन गठबंधन के बाद सत्ता की भूख में बीजेपी को धोखा दिया गया. मैं भाजपा के चरित्र को स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम धोखा खा सकते हैं, लेकिन धोखा कभी दे नहीं सकते हैं.
महाराष्ट्र सरकार गठबंधन के एक साझीदार कांग्रस के नेता राहुल गांधी कहते हैं कि हम सरकार में तो शामिल हैं, लेकिन निर्णय में शामिल नहीं हैं. इसका मतलब ये है कि संकट की घड़ी में सीधे अपना पल्ला झाड़ लेना.
उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी पीएम बने थे तो लोग आशंका व्यक्त करते थे कि मोदी सरकार 5 वर्षों में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर पाएगी या नहीं, लेकिन जब 5 साल का वक्त बीता तो पूरे हिंदुस्तान ने मोदी सरकार के काम पर मुहर लगा दी और 2019 में पहले से भी ज्यादा बहुमत दिया.
उन्होंने कहा कि सारी दुनिया ये स्वीकार करती है कि मोदी सरकार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. 2013 में भारत की जो आर्थिक स्थिति थी, उसकी तुलना में 2019 में भारत की स्थिति काफी बेहतर हुई.