भुवनेश्वर. सुप्रीम कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस रथयात्रा में श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे. कोर्ट ने ओडिशा सरकार को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान पुरी में कर्फ्यू लागू किया जाए. साथ ही एक रथ को 500 से ज्यादा लोग ना खींचें. रथ खींचने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए.
मंगलवार को रथयात्रा की शुरुआत सुबह 9 बजे से हुई. भीड़ जमा न हो इसलिए शहर में सोमवार शाम 4 बजे से धारा 144 लागू कर दी गई. शीर्ष अदालत ने ओडिशा सरकार से कहा कि अगर हालात बेकाबू होते दिखें तो रथ यात्रा को रोका जा सकता है. कोर्ट ने ये भी कहा कि पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये आदेश
>> लाइव लॉ वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में कहा गया है कि पुरी में बिना लोगों की भीड़ के रथ यात्रा को मंजूरी दी जा सकती है.
>> हर रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींच सकते. ऐसे में तीनों रथों को खींचने के लिए 1500 लोगों की जरूरत होगी.
>>दो रथों को खींचने के बीच में एक घंटे का अंतर होना चाहिए.
>>जो भी रथ को खींचेगा उसका कोरोना वायरस का टेस्ट होना अनिवार्य है.
>> रथ यात्रा के दौरान पुरी में कर्फ्यू लगाया जाए.
>>रथों को खींचने वाले यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और यात्रा के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें.
>>रथ यात्रा में आने वाले सभी लोगों की रिकॉर्ड रखा जाए. मेडिकल टेस्ट के बाद उनकी सेहत की जानकारी को भी दर्ज किया जाए.
>>रथ यात्रा और सभी रस्मों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कवर करने की इजाजत दी जाए.
>>सरकार क्रू के मुताबिक कैमरा लगाने की इजाजत दे.
पीएम मोदी ने दी जगन्नाथ यात्रा की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने कहा, ‘भगवान जगन्नाथ की इस रथयात्रा पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. मेरी प्रार्थना है कि भगवान की रथयात्रा प्रसन्नता, संपन्नता, सौभाग्य और स्वास्थ्य लेकर आए. जय जगन्नाथ.
क्या हैं रथ यात्रा की तैयारियां?
भगवान जगन्नाथ सुबह 9 बजे खिचड़ी खाकर निकलें. नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन रथ को मंदिर के सिंह द्वार तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गई है. नंदीघोष भगवान जगन्नाथ का रथ है. तालध्वज पर बलराम विराजेंगे और दर्पदलन पर सुभद्रा. तीनों रथों को खींचने के लिए शंखचूड़ा नागिन, वासुकी नाग और स्वर्णचूड़ा नागिन लाई गई हैं. यह नारियल से बनी रस्सियों के नाम हैं.
सेवादारों का हो चुका है कोरोना टेस्ट
मंदिर के सेवादार राजेंद्र मुदाली ने बताया महाप्रभु की मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाने की यात्रा दोपहर दो से ढाई बजे शुरू होगी. मंदिर की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर है. जहां सूर्यास्त होगा, यात्रा वहीं रुक जाएगी. उन्होंने बताया कि रथ खींचने वाले सेवादारों का कोरोना टेस्ट हो चुका है. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है.