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बाबा रामदेव से कोरोनिल की जानकारी पर खुश नहीं सरकार, अब 17 सदस्यीय आयुष टास्क फोर्स करेगी जांच

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नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच बाबा रामदेव ने कोरोना संक्रमण को शत-प्रतिशत ठीक करने वाली दवा बनाने का दावा किया. उन्होंने कोरोनिल नाम की दवा की काफी जोर-शोर से लांचिंग की, लेकिन भारत सरकार पतंजलि द्वारा दी गई कोरोनिल दवा को बनाने से संबंधित जानकारी से खुश नहीं है.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने पहले इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी और फिर बाबा रामदेव से दवा से जुड़ी हर जानकारी शेयर करने की बात कही. सरकार पतंजलि द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए पहले विज्ञापन बंद कराया और फिर दवा से जुड़े दस्तावेज मांगे. साथ ही एक पत्र लिख दवा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मांगी.

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पत्र में आयुष मंत्रालय ने दवा को लेकर उसके सभी इंग्रीडेंट्स के बारे में पतंजलि से पूछा है और ये भी पूछा है कि दवा की टेस्टिंग कहां की गई, किस उम्र के लोगों पर की गई थी. ये भी जानकारी मांगी है. इसके साथ ही दवा के क्लीनिकल ट्रायल के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी पूछा गया है.

वहीं बताया जा रहा है कि पतंजलि ने तीन डॉक्यूमेंट भेजे हैं, जिसे लेकर अभी कन्फ्यूजन है. इसमें कंपनी से ट्रायल प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से पूछा गया है. इस दवा के बारे में अभी यह भी साफ नहीं है कि कोरोना की दवा कोरोनिल के क्लीनिक्ल ट्रायल के परिणाम आ चुके हैं या आने हैं या अंतिम नतीजे आने हैं. अभी यह भी साफ नहीं हुआ है कि ट्रायल पूरे हो चुके हैं या बाकी हैं. इस तरह की सभी जानकारियों के लिए अब भारत सरकार ने यह मामला 17 सदस्यीय आयुष टास्कफोर्स को सौंप दिया है, जो इसकी आगे जांच करेगी. सरकार ने यह भी कहा है कि जब तक जांच नहीं हो जाती, तब तक दवा की बिक्री पर रोक रहेगी.

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