लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे को आज मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया है. विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमा गई है.
इस मामले में एक तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जहां मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि यूपी चुनाव के समय नरोत्तम मिश्रा कानपुर के प्रभारी थे और अभी उज्जैन के प्रभारी हैं. वहीं इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है कि यूपी सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कहा कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. तीन महीने पुराने पत्र पर नो एक्शन और कुख्यात अपराधियों की सूची में विकास का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की सीबीआई जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए.
वहीं इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सवाल किया कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया या उसकी गिरफ्तारी हुई? अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि खबर आ रही है कि कानपुर-काण्ड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे, जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
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