नई दिल्ली. कानपुर के बिकरू गांव में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के घर पर पुलिस कार्रवाई की मुखबिरी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार किये गये निलंबित सब-इंस्पेक्टर के. के. शर्मा ने अपनी औैर पत्नी की जान की हिफाजत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. निलंबित सब-इंस्पेक्टर के के शर्मा ने रविवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके खुद की और अपनी पत्नी विनीता सिरोही की जान को खतरा बताया है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि विकास दुबे और उसके गुर्गों की मुठभेड़ में हुई मौत की घटना के बाद उसे खुद की और पत्नी की जान को खतरा लगने लगा है, इसलिए उनकी जान की हिफाजत की जाये. शर्मा ने अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी की निष्पक्ष, स्वतंत्र और कानून के दायरे में जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपे जाने या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के निर्देश देने का भी अनुरोध न्यायालय से किया है.
गौरतलब है कि विकास दुबे के घर पर दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी पहले ही फोन से दे दी गयी थी, जिसके बाद दुबे और उसके साथियों ने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर धावा बोला था जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी. मुखबिरी के आरोप में चौबेपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी विनय तिवारी और सब-इंस्पेक्टर के के शर्मा को निलंबित करने के बाद एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है.