नई दिल्ली. राजस्थान में जारी राजनीतिक उथलपुथल के बीच सचिन पायलट गुट की ओर से दायर संशोधित याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार 17 जुलाई को सुनवाई हुई. राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार सुबह 10 बजे तक के लिए सुनवाई टल गई है. हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान सचिन पायलट खेमे की ओर से हरीश साल्वे ने अपनी दलीलें रखीं. राजस्थान हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि स्पीकर 21 जुलाई तक पायलट और 18 विधायक के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगे. राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर अब 20 जुलाई को सुबह 10 बजे दोबारा सुनवाई होगी. वहीं, विधानसभा स्पीकर मंगलवार शाम 5.30 बजे नोटिस पर सुनवाई करेंगे. स्पीकर की ओर से गुरुवार को पेश सहमति पत्र को मंगलवार तक के लिए बढ़ाया. हाई कोर्ट के आदेश अनुसार, अब स्पीकर मंगलवार तक बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते हैं.
हरीश साल्वे ने राजस्थान हाई कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि पायलट गुट ने दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है, ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है. हरीश साल्वे के बाद मुकुल रोहतगी ने अपनी दलीलें रखीं. पायलट गुट के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने अपनी दलील में कहा- सचिन पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, इसलिए इसको खारिज किया जाना चाहिए. इसके बाद हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह 10 बजे तक सुनवाई टाल दी.
आपको बता दें कि पायलट खेमे की संशोधित याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहन्ती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में हो रही है. संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दिए गए नोटिस को याचिका में चुनौती दी गई है. वकील हरीश साल्वे ने स्पीकर के आदेश पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में 10वीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने कोर्ट में स्पीकर से बुलाने की मांग की. साल्वे ने स्पष्ट रूप से कहा कि पायलट गुट ने दल बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है.