वॉशिंगटन. एशिया में पाकिस्तान और नेपाल से पहले ही नजदीकियां बढ़ा चुके चीन को अब बांग्लादेश को अपने खेमे में करने से रोकने के लिए अमेरिका एक बड़ा कदम उठा सकता है. अभी तक अमेरिका ने देश के संस्थापक और प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के आरोपी को अपने यहां शरण दे रखी थी. बांग्लादेश को मनाने के लिए अमेरिका उसे बांग्लादेश डिपोर्ट कर सकता है.
साल 1975 के तख्तापलट और बांग्लादेश के पहले पीएम रहमान की हत्या के आरोपी राशिद चौधरी को 2006 में अमेरिका में शरण दी गई थी. हालांकि, अमेरिका प्रकाशन Politico के मुताबिक अमेरिका के अटर्नी जनरल विलियम बार ने चौधरी के केस से जुड़े दस्तावेज जून में मंगाए थे. रिपोर्ट के मुताबिक चौधरी के वकीलों ने कहा है कि अमेरिका का न्याय विभाग फैसले को बदलकर चौधरी को बांग्लादेश भेज सकता है.
हसीना प्रशासन अमेरिका से चौधरी के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने इस मुद्दे को देश आने वाले हर अमेरिकी अधिकारी के सामने उठाया है. चौधरी पर देश में आरोप तय किए जा चुके हैं और उसे दोषी करार दिया जा चुका है. पिछले कुछ साल में हसीना प्रशासन ने कई आरोपियों को दोषी करार देकर सजा दी है. राशिद चौधरी एक हाई-प्रोफाइल आरोपी है.
दरअसल, बांग्लादेश के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में शेख हसीना के दोबारा पीएम बनने के बाद सभी भारतीय प्रॉजेक्ट धीमे हो गए हैं जबकि ढाका चीन के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स को ज्यादा तवज्जों दे रहा है. दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात की है. ऐसे में बांग्लादेश का झुकाव भारत-अमेरिका से ज्यादा चीन-पाकिस्तान की ओर होते देख ट्रंप प्रशासन चिंतित है.