नई दिल्ली. दुनिया के सबसे मूल्यवान ब्रांड की फोर्ब्स की वार्षिक सूची में 24120 करोड़ डॉलर ब्रांड वैल्यू के साथ एप्पल ने पहला स्थान हासिल किया है.
रुपये में ये कीमत 18 लाख करोड़ रुपये के करीब है. इसमें पिछले साल के मुकाबले 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. फोर्ब्स की इस सूची में वित्त वर्ष 2019 से शीर्ष 100 कंपनियों को शामिल किया गया है. सूची में 20750 करोड़ डॉलर यानि करीब 15.5 लाख करोड़ रुपये की ब्रैंड वैल्यू के साथ गूगल और 16300 करोड़ डॉलर यानि करीब 12.2 लाख करोड़ रुपये की ब्रैंड वैल्यू के साथ माइक्रोसॉफ्ट क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है. गूगल की ब्रैंड वैल्यू में पिछले साल के मुकाबले 24 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं माइक्रोसॉफ्ट की वैल्यू में 30 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है.
इन शीर्ष सौ सबसे मूल्यवान ब्रांड की कुल कीमत 254000 करोड़ डॉलर है, जो पिछले साल 233000 करोड़ डॉलर से 9 फीसदी अधिक है. इन शीर्ष सौ कंपनियों की सूची में अमेरिका की 50 से अधिक कंपनियां शामिल रहीं. इनमें से 20 तकनीक के क्षेत्र की कंपनियां रहीं, 14 वित्तीय सेवाओं से जुड़ी कंपनी, 11 ऑटो और 8 रिटेल सेक्टर से जुड़ी कंपनी थीं.
फोर्ब्स ने सोमवार को कहा, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और पेपल जैसी कंपनियां पिछले साल की सूची से ब्रांड वैल्यू में संतोषजनक लाभ की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं जो कि ई-कॉमर्स, स्ट्रीमिंग और डिजिटल पेमेंट के ट्रेंड के अनुरूप हैं. इस बार की सूची में कुछ नए ब्रांड भी शामिल हैं. सूची में निनटेंडो, बर्गर किंग, हेनेसी और एक्सा जैसे ब्रांड्स अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं जबकि फिलिप्स, हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज, निसान और केलॉग सूची में शामिल नहीं रहे हैं.