लखनऊ। इन्सानों का लगातार जंगलों में जारी दखलन्दाजी और और जंगलातों के सिकुडनें के चलते अक्सर बस्तियों का रूख करने वाले जानवरों को सम्हालने के लिए आज भी हमारी व्यवस्थायें इस काबिल नही हैं कि हालात को बखूबी सम्हाला जा सके। लेकिन दावे बड़े बड़े किये जाते हैं और इसी के चलते आज फिर एक बार इन व्यवस्थाओ की हार के चलते आशियाना इलाके में आखिरकार तीन दिन से खौफ का सबब बना तेंदुआ मार दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक आशियाना इलाके में 3 दिनों से खौफ का सबब बने तेंदुए को आज आखिरकार मजबूरन पुलिस ने गोली मार दी। गोली लगने से घायल तेंदुए ने जाल को दांतों से काटा, फिर बाहर निकलकर एक घर की किचन में छुपकर बैठ गया। कड़ी मशक्कत के बाद घायल तेंदुए को वन विभाग की टीम ने वहां से निकाला, लेकिन काफी खून बह जाने के कारण तेंदुए ने दम तोड़ दिया। फिलहाल तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए लखनऊ जू ले जाया गया है।
गौरतलब है कि बुधवार रात सीसीटीवी में तेंदुआ आशियाना इलाके में सड़क पर चहलकदमी करते हुए दिखा। इसके बाद गुरुवार को औरंगाबाद इलाके में तेंदुआ निकलने से दहशत का माहौल बन गया। जबकि आज यहां सुबह 7 बजे क्षेत्र में तेंदुआ देखा गया तो वन विभाग की टीम को खबर दी, लेकिन टीम ने ध्यान नहीं दिया। टीम ने कहा कि बिना पीएसी के ऑपरेशन संभव नहीं है। खबर पाकर जब पत्रकार मौके पर पहुंचे तो रेस्क्यू टीम और पुलिस एक्शन में आई। लेकिन गुस्साई जनता ने रेस्क्यू टीम और पुलिस के साथ-साथ पत्रकारों पर भी पथराव कर दिया, जिसमें कई लोगों को चोट आई।
वहीं इस बीच तेंदुआ जाल फाड़कर करीब 500 मीटर दूर कॉलोनी निवासी शरीफ खान के घर में जा घुसा। शरीफ खान के मकान की रसोई में दुबके तेंदुए को पकड़ने के लिए आशियाना इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह सिपाहियों के साथ पहुंचे। तेंदुए ने उन पर भी हमला कर दिया। तेंदुआ जब काबू में नहीं आया तो इंस्पेक्टर ने 3 राउंड फायरिंग की, जिसमें से 2 गोलियां तेंदुए को जा लगी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं तेंदुए को गोली मारने के बाद पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने के साथ ही इलाके के लोगों में रोष फैल गया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.