लखनऊ. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना संक्रमण से रविवार को निधन हो गया. 18 जुलाई को सिविल अस्पताल में उनके सैंपल की जांच की गई थी, जिसमें उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी. उनके परिवार के कई अन्य लोग भी संक्रमित हैं. उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था.
गौरतलब है कि 2017 में भाजपा ने उन्हें कानपुर के घाटमपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा थे. वे इस सीट से जीतने वाली पार्टी की पहली विधायक थीं. पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा व लगन को देखते हुए 2019 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वे सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थीं.
लखनऊ में 3 मई 1958 को जन्मी कमलरानी वरुण की शादी एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल वरुण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक से हुई थी. समाजशास्त्र से एमए कमलरानी को वर्ष 1989 में भाजपा ने उन्हें शहर के द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया. चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमलरानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुईं.
इसके बाद बीजेपी ने 1996 में उन्हें घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा. अप्रत्याशित जीत हासिल कर लोकसभा पहुंची कमलरानी ने 1998 में भी उसी सीट से दोबारा जीत दर्ज की. वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 585 मतों के अंतराल से बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल संखवार के हाथों पराजित होना पड़ा था. सांसद रहते कमलरानी ने लेबर एंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा व पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में रहकर काम किया.
उनके निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार में मेरी सहयोगी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण के असमय निधन की सूचना, व्यथित करने वाली है. प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेत्री को खो दिया. उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें.