लंदन. दुनिया में कई देशों में छोटे प्रारूप में क्रिकेट लीग का आयोजन हो रहा है लेकिन इन लीग में खेलने वाले अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भुगतान की समस्या या फिर अनुबंध की उल्लंघन की परेशानी से जूझ रहे हैं. फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन्स (फीका) ने अपनी पुरुष ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2020 में यह जानकारी देते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अपील की है कि वह उसके ढांचे में आने वाले क्रिकेटरों के हितों की रक्षा करे.
आईसीसी अपनी तरफ से इस रिपोर्ट के तथ्यों को देख रही है. रिपोर्ट में छह लीग के बारे में बताया गया है जिनमें खेलने वाले खिलाड़ियों को भुगतान की समस्या से जूझना पड़ा है. इन लीग में ग्लोबल टी-20 कनाडा, बंगलादेश प्रीमियर लीग, अबु धाबी टी-10, कतर टी-10, यूरो टी-२०स्लेम और मास्टर्स चैंपियंस लीग शामिल हैं. रिपोर्ट में बंगलादेश का भी उदाहरण दिया गया है जिसके खिलाड़ियों को आईसीसी टूर्नामेंट की पुरस्कार राशि में से उनका हिस्सा नहीं मिला है.
जिम्बाब्वे के खिलाड़ी अपने अनुबंध की भुगदान के लिए अपने बोर्ड से इन्तजार कर रहे हैं. कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात और कतर में टी-20 और टी-10 लीग में खिलाड़ियों के भुगतान का मुद्दा फंसा हुआ है. फीका के मुख्य कार्यकारी टॉम मोफाट ने कहा कि ऐसे मामलों में अनुबंध का उल्लंघन हुआ है और खिलाड़ियों को भुगतान नहीं किया गया है.
ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें जल्द सुलझाने की जरूरत है फीका ने साथ ही कहा है कि कुछ देशों ने अपने खिलाड़ियों के विदेश में लीग में खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा है और खिलाड़ी के विदेशी लीग अनुबंधों की संख्या सीमित कर रखी है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए. भुगतान के मुद्दे के अलावा 277 पुरुष अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के सर्वेक्षण से पता चला है कि 53 फीसदी फ्रीलांस क्रिकेटर बनना चाहते हैं और अच्छा घरेलू लीग अनुबंध मिलने के बावजूद राष्ट्रीय केंद्रीय अनुबंध को ठुकरा सकते हैं.