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सोना ने बनाया नया हाई, चांदी 19 साल पुराने रिकार्ड को तोडऩे से चंद कदम दूर

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नई दिल्ली. वैसे तो सोने-चांदी की कीमतों में तेजी कई महीनों से बरकरार है. वह भी तब, जब लोग जेवर खरीदने में रुचि कम ले रहे हैं. इसके बावजूद दोनों धातुओं की कीमत आसमान छू रही है. इस महीने यानी अगस्त में केवल पांच कारोबारी दिन में चांदी की रफ्तार सोने के मुकाबले 5 गुना बढ़ी है.

3 अगस्त से 7 अगस्त के बीच सोने का हाजिर भाव जहां 2303 रुपये बढ़ा है तो वहीं चांदी का 10243 रुपये. तीन अगस्त को चांदी 64770 रुपये प्रति किलो की दर से बंद हुई थी और शुक्रवार 7 अगस्त को यह 75013 रुपये पर बंद हुई. वहीं सोना 3 अगस्त को 53976 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, लेकिन शुक्रवार को यह 56126 रुपये पर बंद हुआ.

अपनी तेजी से चौंका रही चांदी, सोना हुआ और खरा

तारीख    सोने का  रेट (रुपये/10 ग्राम)    चांदी का रेट (रुपये/ किलो ग्राम)
07 अगस्त 2020    56126        75013
06 अगस्त 2020    55914        73617
05 अगस्त 2020    55448        71200
04अगस्त 2020    54004        64735
03अगस्त 2020    53976        64770

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सर्राफा बाजारों में सोने-चांदी के आभूषणों के खरीददार नदारद हैं तो इन धातुओं के दाम कैसे बढ़ रहे हैं? आपके इस सवाल का जवाब दे रहे हैं केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया. अजय के मुताबिक सामान्य निवेशकों का रुझान गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और बॉन्ड की तरफ बढ़ा है. वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित है.

शेयर बाजार में अनिश्चितता और अर्थव्यवस्था में संकट के दौर में तमाम फंड मैनेजर पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाने में लगे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है. केंद्रीय बैंक, फंड मैनेजर्स, स्वतंत्र निवेशक आदि ये सभी लोग पूरी दुनिया में अलग अलग एक्सचेंज पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं . यही वजह है सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रिकॉर्ड उंचाई पर है और इसका असर घरेलू मार्केट पर भी पड़ रहा है.

सोने से अच्छी कमाई   

सोने ने रुपये के रूप में हमेशा बेहतर लाभ दिया है. वर्ष 2001 के बाद से सोने ने प्रतिवर्ष 13 प्रतिशत लाभ दिया है. पिछले 15 वर्षों की बात करें, तो सोने ने प्रतिवर्ष 14.7 प्रतिशत का लाभ दिया है. पिछले 10 वर्षों में सोने ने प्रति वर्ष 10.1 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 12.8 प्रतिशत का लाभ दिया है. इसलिए यह समझना आसान है कि पूंजी या बचत का एक हिस्सा स्वर्ण में ही लगता है. एक खूबी यह भी है कि इसमें निवेश से किसी का जीवन दांव पर नहीं लगता. 

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संकट के बीच जारी वैश्विक अनिश्चितता के चलते सोने में तेजी का दौर जारी रह सकता है. सोने के दाम में तेजी पिछले एक दशक से जारी है. सितंबर 2018 से सोना 60 फीसद तेज है. इस साल 6 महीने में ही 24 प्रतिशत की तेजी आई है. अगले 2 साल में सोने के भाव प्रति 10 ग्राम 20000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकते हैं. 

सोने से अच्छी कमाई 

सोने ने रुपये के रूप में हमेशा बेहतर लाभ दिया है. वर्ष 2001 के बाद से सोने ने प्रतिवर्ष 13 प्रतिशत लाभ दिया है. पिछले 15 वर्षों की बात करें, तो सोने ने प्रतिवर्ष 14.7 प्रतिशत का लाभ दिया है. पिछले 10 वर्षों में सोने ने प्रति वर्ष 10.1 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 12.8 प्रतिशत का लाभ दिया है. इसलिए यह समझना आसान है कि पूंजी या बचत का एक हिस्सा स्वर्ण में ही लगता है. एक खूबी यह भी है कि इसमें निवेश से किसी का जीवन दांव पर नहीं लगता. 

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