नई दिल्ली। विजय माल्या के बाद अब नीरव मोदी के देश को 11,400 करोड़ का चूना लगाकर भागने पर सियासी सरगर्मियां तेज हो चली हैं जिसके तहत सरकार और विपक्ष में जमकर आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। इस मामले में जहां आज कांग्रेस ने घोटाले के लिए भाजपा नीत सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर सांठगांठ वाले पूंजीवाद को संस्थागत रूप देने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने PM मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह देश के चौकीदार होते हुए ‘सो रहे हैं’ और चोर देश की संपत्ति चुराकर चंपत हो रहे हैं।
गौरतलब है कि जहां एक तरफ भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएनबी ने नीरव मोदी के साथ गारंटीपत्र जारी करने का समझौता मोदी सरकार के कार्यकाल में 2017 किया गया। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री और उनकी सरकार पर अर्थव्यवस्था के घुटने टिकवाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आगाह किया कि उनकी अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को नुकसान पहुंचा है।
वहीं सिब्बल के बयान पर भाजपा नेता और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी पार्टी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएनबी घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ । नीरव मोदी भले ही देश छोड़कर भाग गया हो लेकिन सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हम घोटालेबाजों के साथ मिलकर उनकी देश से भाग निकलने में मदद नहीं कर रहे हैं , इसके बजाय भाजपा सरकार उन्हें पकड़ रही है।
उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी ही थे जिन्होंने नीरव मोदी के एक प्रचार कार्यक्रम में शिरकत की थी। उन्होंने एक वाकये का भी जिक्र किया जिसके अनुसार इलाहाबाद बैंक के एक सरकारी निदेशक ने गीताजंलि जेम्स के वित्तीय पुनर्गठन पर 2013 में सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद उस अधिकारी की बातों को रिकॉर्ड में शामिल किये जाने के बजाय उन्हें इस्तीफा देने को कह दिया गया।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 143 गारंटीपत्रों को लेकर नई प्राथमिकी दर्ज की है। इस प्राथमिकी के अनुसार, 4,866 करोड़ रुपये के ये गारंटीपत्र मेहुल चौकसी की तीन कंपनियों गीताजंलि जेम्स, नक्षत्र और गिली को 2017-18 के दौरान जारी किये गये थे। चौकसी, नीरव मोदी का रिश्तेदार है तथा 11,400 करोड़ रुपये के इस घोटाले में सह आरोपी है।
एजेंसी ने इससे पहले 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित एक अलग मामला दर्ज किया था जो कि अब बढ़ता हुआ 6,498 करोड़ रुपये की गारंटीपत्र धोखाधड़ी में पहुंच चुका है। गारंटी पत्र एक प्रकार का आश्वासन पत्र होता है जो कि किसी एक बैंक द्वारा दूसरे बैंकों को जारी किया जाता है। इसके आधार पर बैंकों की विदेशी शाखाओं से खरीदार को रिण की पेशकश की जाती है।
सीबीआई द्वारा मामले में दूसरी प्राथमिकी दर्ज किये जाने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आरोपियों द्वारा सभी शपथपत्र राजग सरकार के तहत हस्ताक्षरित किये गये। सरकार घोटाले को होने से रोकने में नाकाम रही। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल और पवन खेड़ा के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिब्बल ने यह सवाल किया कि प्रधानमंत्री उनकी विदेश यात्राओं में उनके साथ गए लोगों के ब्यौरों का खुलासा क्यों नहीं करते?
उन्होंने सवाल किया कि ‘क्या प्रधानमंत्री मोदी इस तरह के कारोबार में सुगमता की बात करते हैं। सिब्बल ने कहा कि मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वह आये और संप्रग के शासन और उनके शासन के बारे में चर्चा करें। अपनी गलत मंशाओं के चलते उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के घुटने टिकवा दिए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात वकील सिब्बल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय पर इस करोड़ों रुपए मूंद लेने का आरोप लगाया और दावा किया वे इस बारे में अवगत थे।
उन्होंने कहा कि वे इसके बारे में सब जानते हैं। किंतु उन्होंने आंखें मूंद ली। वे अगवत थे कि देश को लूटा जा रहा है। सिब्बल ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री को सरकार ने इस मामले में बचाव के लिए उतारा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री का इससे क्या लेनादेना है। क्या मंत्री नीरव मोदी के मानव संसाधन की गुणवता को बहुत पसंद करते हैं। इसका सामाजिक न्याय मंत्री से क्या लेनादेना नहीं है। कानून मंत्रालय का इससे क्या लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा कि सवालों का जवाब देने के लिए न तो वित्त मंत्री और न तो भारतीय रिजर्व बैंक सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रत्न एवं आभूषण कारोबार में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 41.66 अरब रूपये रहा जबकि इसका सकल चालू रिण 94 अरब रूपये है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब रिण बाजार पूंजीकरण की तुलना में दुगना है जो अपने आप में एक घोटाला है। कौन यह कह सकता है कि सरकार इसे नहीं जानती थी।
सीबीआई ने इस वर्ष 31 जनवरी को नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई एवं मेहुल चौकसी के खिलाफ पीएनबी से 280 करोड़ रूपये का घोटाला करने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद गत मंगलवार को बैंक ने सीबीआई के पास दो और शिकायतें भेजी जिसमें कहा गया कि यह घोटाला 11,400 करोड़ रूपये से अधिक है।