इस्लामाबाद, पाकिस्तान में विपक्ष के वर्चस्व वाली सीनेट ने एफएटीएफ द्वारा निर्धारित कड़ी शर्तों से जुड़े दो विधेयकों को खारिज कर दिया, जिससे मनी लांड्रिंग एवं आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था द्वारा काली सूची में डाले जाने से बचने के सरकार के प्रयास जोखिम में पड़ गए हैं।
इस कदम पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मनी लांड्रिंग विरोधी (दूसरा संशोधन) विधेयक और इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) वक्फ संपत्ति विधेयक को सीनेट ने मंगलवार को ध्वनि मत से खारिज कर दिया। इससे एक दिन पहले ही नेशनल असेंबली ने दोनों विधेयक पारित किए थे। ये विधेयक पाकिस्तान द्वारा एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलकर सफेद सूची में जाने के प्रयासों का हिस्सा थे।
पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था और इस्लामाबाद से 2019 के अंत तक कार्य योजना लागू करने को कहा था लेकिन कोरोना के कारण समय सीमा बाद में बढ़ा दी गई थी। इन विधेयकों पर अब संसद के संयुक्त सत्र में मतदान कराया जाएगा।
इमरान का ट्वीट
‘आज सीनेट में, विपक्ष ने एफएटीएफ से संबंधित दो अहम विधेयकों को खारिज कर दिया- मनी लांड्रिंग विरोधी विधेयक और आईसीटी वक्फ विधेयक। पहले दिन से मैं इस बात पर कायम हूं कि विपक्षी नेताओं के स्वार्थी हित और देश के हित भिन्न हैं।…विपक्षी नेता संसद को काम करने से रोकने की कोशिश कर अपने अवैध पैसे को बचाने के लिए बेताब हैं- पहले सरकार की प्रभावी कोविड-19 रणनीति को कमतर बताकर और अब एफएटीएफ की काली सूची से निकलने के पाकिस्तान के प्रयासों को नाकाम कर।’