बीएचयू में दो मरीजों के सुसाइड करने की घटना को चिंताजनक बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यूनिवर्सिटी को नसीहते दी। सीएम ने कहा कि बीएचयू अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करे और अपने गौरव व प्रतिष्ठा का ख्याल रखते हुए उसके अनुसार रिजल्ट दे। सीएम योगी शनिवार की शाम दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचने के बाद सबसे पहले बीएचयू पहुंचे। वहां कोरोना महामारी से बचने के लिए हो रहे उपायों और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बीएचयू में दो मरीजों के सुसाइड करने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे गलत संदेश गया है। डॉक्टर और स्टाफ वार्ड में विजिट करें तो मरीज की स्थिति का पता लगता रहता है। उसी के अनुरूप मैनेज किया जाए तो ऐसी घटना नहीं होगी। सीनियर फैकल्टी राउंड करें। बीएचयू पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ इससे लगे दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ण माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवा महीने में ही दूसरी बार बीएचयू आने का कारण यही है कि इस महामारी से बचाव को पूरी क्षमता व जज्बा से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से जो सहायता चाहिए, वह मिलेगी। यह भी कहा कि अच्छे परिणाम दिखाई देने चाहिए। बीएचयू में आईसीयू के 150 बैड तैयार किए जाएं।
सीएम ने कहा कि जहां-जहां भी डायलिसिस की व्यवस्था है वहां कोविड व नानकोविड के लिये अलग-अलग मशीन रखें। सैंपलिग की जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाए, ताकि पॉजिटिव मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो जाए। बीएचयू में ओपीडी की क्षमता बढ़ाई जाए। होम आइसोलेशन के बाद एल-1 अस्पताल व्यवस्था की जरूरत कम हो गई है। अब एल-2 व एल-3 लेवल की व्यवस्थाएं बढ़ाई जाएं। वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड की कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में निर्धारित दरों से अधिक पैसा वसूली कत्तई नहीं हो। इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। किसी अन्य रोग के मरीजों के अस्पताल में आने पर उसका एंटीजन टेस्ट कर कोविड-19 को देख लें। इसे प्राइवेट अस्पताल में भी लागू करें। सैंपलिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में प्रतिदिन 4000 से 4500 हजार तक टेस्टिंग हो। उन्होंने सर्विलांस एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने पर जोर दिया।
सीएम ने कहा कि वाराणसी में उत्तर प्रदेश के सापेक्ष पॉजिटिव रेट व मृत्यु दर अधिक है। इसे सर्विलांस टेस्टिंग व तत्काल चिकित्सा व्यवस्था देकर घटाएं। कमांड कंट्रोल सेंटर प्रभावी रखें। वहां से मरीजों व अस्पतालों से बराबर संपर्क रखा जाए। एफएचएनसी के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। सभी अस्पतालों में इसे बढ़ाया जाए। बनारस के शहरी क्षेत्र में कोरोना मरीज ज्यादा है। यहां वार्ड वार सर्वे टीम लगाकर 100 सर्वे करें। होम आइसोलेशन के मरीज से प्रतिदिन मेडिकल टीम संपर्क रखें और उसकी तबीयत के अनुरूप व्यवस्था करें। किसी मरीज में लक्षण दिखने लगे तो तत्काल अस्पताल में भर्ती करें।