नई दिल्ली. दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई है. दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बावजूद बीसीसीआई यूएई में अपनी टी20 लीग आईपीएल का आयोजन कराने में सफल रही है. हालांकि खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए काफी पुख्ता इंतजामों के साथ बायो-सेक्योर बबल तैयार किया गया है. इन सब पर बीसीसीआई ने काफी पैसा खर्च किया है. जहां आईपीएल पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं भारत में घरेलू स्तर पर बीसीसीआई कॉस्ट कटिंग के मूड में है. खर्च में कटौती के लिए ही उन्होंने एनसीए में 11 कोच के कॉन्ट्रैक्ट न बढ़ाने का फैसला किया है.
कोरोना के बाद बीसीसीआई ने पहली बार कटौती को लेकर बड़ा कदम उठाया है. एनसीए के 11 कोच का सलाना कॉन्ट्रैक्ट नहीं बढ़ाया गया है और इन लोगों में पांच रिटायर्ड भारत खिलाड़ी रमेश पवार, एसएस दास, ऋषिकेश कानितकर, सुब्रतो बनर्जी और सुजीत सोमसुंदर शामिल हैं. एनसीए के हेड कोच का पद संभाल चुके राहुल द्रविड़ ने सभी को इसकी जानकारी पिछले हफ्ते दे दी थी. इन सभी की सैलरी मिलाकर बीसीसीआई पर 30-55 लाख रुपए का खर्च आता था.
कुछ कोच ने बताया कि उन्हें इस बारे में पहले से नहीं बताया गया और न ही इसका सही कारण बताया गया. उन्होंने कहा, ‘हमें दो दिन पहले राहुल द्रविड़ का फोन आया, जिन्होंने बताया कि बीसीसीआई ने हमारा कॉन्ट्रैक्ट न बढ़ाने का फैसला किया है. पिछले तीन महीने से हम वेबिनार अटैंड कर रहे हैं, आगे की चीजों के लिए प्लान कर रहे हैं और इस बीच हमें अचानक कह दिया गया कि अब हमारी जरूरत नहीं है.