नई दिल्ली. राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. इस दौरान कुल 25 बिल सत्र में पास किया गया. कृषि विधेयकों को लेकर राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष में मनमुटाव हुआ.
विपक्ष के सात
सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया. विपक्षी दलों ने आज संसद
में मार्च निकाला. संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को
मंजूरी दे दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और
अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना
कर्मचारियों को निकालने की अनुमति होगी.
औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम
संहिताओं को पारित कियाराज्यसभा ने ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक
सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन श्रम संहिताओं को पारित किया. इस
दौरान आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस , वामपंथी और कुछ
अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया. इन तीनों
संहिताओं को लोकसभा ने मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति
की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने तीनों श्रम सुधार विधेयकों पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा, श्रम सुधारों का मकसद बदले हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल पारदर्शी प्रणाली तैयार करना है. उन्होंने यह भी बताया कि 16 राज्यों ने पहले ही अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की अनुमति के बिना फर्म को बंद करने और छंटनी करने की इजाजत दे दी है.
गंगवार ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए यह उचित नहीं है कि इस सीमा को 100 कर्मचारियों तक बनाए रखा जाए, क्योंकि इससे नियोक्ता अधिक कर्मचारियों की भर्ती से कतराने लगते हैं और वे जानबूझकर अपने कर्मचारियों की संख्या को कम स्तर पर बनाए रखते हैं. उन्होंने सदन को बताया कि इस सीमा को बढ़ाने से रोजगार बढ़ेगा और नियोक्ताओं को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा.उन्होंने कहा कि ये विधेयक कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेंगे और भविष्य निधि संगठन तथा कर्मचारी राज्य निगम के दायरे में विस्तार करके श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे. सरकार ने 29 से अधिक श्रम कानूनों को चार संहिताओं में मिला दिया था और उनमें से एक संहिता (मजदूरी संहिता विधेयक, 2019) पहले ही पारित हो चुकी है.
राज्यसभा में बुधवार को पारित हुए विधेयक संहिताएं- उपजीविकाजन्य सुरक्षा, वास्थ्य तथा कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 हैं. इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किये गए हैं.