लखनऊ. यूपी में पीएसी के लगभग उन 900 जवानों के लिए बड़ी खबर है जिनका हाल ही में डिमोशन कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि सीएम योगी इस फैसले से बेहद नाराज हैं. सीएम ने नाखुशी जताते हुए डीजीपी को इन जवानों को तुरंत प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं. इन जवानों को पुलिस में भेजा गया था जहां उन्हें प्रमोशन मिल गया था लेकिन पीएसी में वापस लौटने पर इन्हें इसी महीने डिमोट कर दिया गया था.
सीएम का कहना है कि जवानों का मनोबल गिराने वाला कोई फैसला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने शासन को निर्देश दिए कि जिस अधिकारी ने बिना सरकार के संज्ञान में लाए यह फैसला लिया उसके खिलाफ जांच कर रिपोर्ट दें और सख्त कार्रवाई की जाए. पीएसी से नागरिक पुलिस में आए जवानों को प्रमोशन मांगने पर उन्हें मूल काडर पीएसी में भेजने का मामला सामने आया था. ऐसे 896 पुलिसकर्मियों को डिमोट करते हुए वापस किया गया है जबकि 22 आरक्षियों को कॉन्स्टेबल के ही पद पर वापस भेजा गया.
इसके बारे में कहा गया कि आर्म्स पुलिस से सिविल पुलिस में पीएसी के 890 हेड कॉन्स्टेबल और छह एसआई का प्रमोशन नियम विरुद्ध किया गया था. इस संबंध में पीएसी के 1998 बैच के कॉन्स्टेबल जितेंद्र कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि उनके बैच के तीन साथियों सुनील कुमार यादव, दिनेश कुमार चौहान और देव कुमार सिंह का सिविल पुलिस में प्रमोशन किया गया, जबकि जितेंद्र का प्रमोशन नहीं हुआ.
हाई कोर्ट के प्रमोशन रद करने के आदेश के बाद पुलिस विभाग ने प्रमोट हुए कॉन्स्टेबल का ब्योरा जुटाया. पड़ताल में खुलासा हुआ कि उक्त तीनों समेत बड़ी संख्या में पीएसी के जवान सिविल पुलिस में ट्रांसफर हुए थे. लंबे समय तक सिविल पुलिस में तैनाती के दौरान बिना संवर्ग परिवर्तन के इन लोगों ने अपना नाम सिविल पुलिस की वरिष्ठता सूची में शामिल करवा लिया था.
इसके बाद नौ अक्टूबर 2018 को एक हजार से ज्यादा पीएसी के कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल और छह एसआई के पद पर प्रमोट हो गए. मामले के खुलासे के बाद सुनील यादव, दिनेश चौहान और देव के प्रमोशन का आदेश 30 अक्टूबर 2019 को ही निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस की सभी इकाइयों में इस तरह के 1019 मामले और सामने आए. डीएसपी (स्थापना) की अध्यक्षता में हुई जांच में सामने आया कि इनमें 932 जवान पीएसी के थे और 87 सिविल पुलिस के.
पीएसी के 932 में 910 जवानों का प्रमोशन हुआ था. इनमें छह लोग एसआई और 904 हेड कॉन्स्टेबल प्रमोट हुए थे. 904 में 14 या तो रिटायर हो गए या उनका निधन हो गया. बचे 890 सिविल पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर थे. इन्हें वापस पीएसी संवर्ग में कॉन्स्टेबल के पद पर भेजा गया. वहीं, छह एसआई को भी पीएसी में भेजा गया.