नई दिल्ली. एलएसी पर चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना ने लद्दाख के चुमार-डेमचोक क्षेत्र में टैंक और पैदल सेना के वाहनों को तैनात किया है. सेना ने बीएमपी-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ टी-90 और टी-72 टैंकों की तैनाती की है.
इन टैंकों की खासियत है कि इन्हें माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में संचालित किया जा सकता है. सर्दियों की आहट के बीच सेना की ओर से यह बेहद सूझबूझ भरा सामरिक कदम उठाया गया है.
सेना की इस तैनाती को लेकर 14 कोप्र्स के चीफ ऑफ स्टाफ के मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा कि फायर एंड फ्यूरी कॉप्र्स भारतीय सेना का एकमात्र फॉरमेशन है और दुनिया में भी ऐसे कठोर इलाकों में यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है. टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और भारी बंदूकों का इस इलाके में रखरखाव करना एक चुनौती है.
29 अगस्त और 30 अगस्त की रात भारत ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में यथास्थिति बदलने के लिए चीनी सेना द्वारा की जा रही घुसपैठ को नाकाम कर दिया था. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पिछली आम सहमति का उल्लंघन किया था और उसने यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य घुसपैठ भी की थी.
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध बना हुआ है. कई स्तरों की बाचतीच के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली और अब भी यहां गतिरोध जारी है. भारत को यह भी पता चला है कि चीन ने एलएसी पर पश्चिमी में लद्दाख, मध्य में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्व में सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और ऑर्मर का निर्माण शुरू कर दिया है.