बाकू. सोवियत रूस से अगल हुए आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जमीन के एक हिस्से को लेकर जंग छिड़ गई है. दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ युद्ध का ऐलान करते हुए टैंक, तोप और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को मैदान में उतार दिया है. इस बीच आर्मेनिया ने देश में मार्शल लॉ लागू करते हुए अपनी सेनाओं को बॉर्डर की तरफ कूच करने का आदेश दिया है. दोनों ही देशों ने हमले में सामान्य नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है.
आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि अजरबैजान की सेना ने क्षेत्रीय राजधानी स्टेपनकर्ट के रिहायशी इलाकों पर स्थानीय समयानुसार 08.10 बजे हमला शुरू कर दिया. इसके जवाब में हमारे सुरक्षाबलों ने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टरों और तीन ड्रोनों को मार गिराया है. इसके अलावा हमने तीन टैंकों को भी उड़ा दिया है. आर्मेनिया ने टैंको को निशाना बनाने को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है.
जवाब में अजरबैजान ने कहा है कि आर्मेनिया के सशस्त्र बलों की युद्धक गतिविधि को दबाने और नागरिक आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे मोर्चे पर हमारे सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है. अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मेनिया के हमले में उसके कई नागरिकों की मौत हुई है. वहीं, उसका एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, लेकिन इसके पायलट को बचा लिया गया है.
इसलिए छिड़ी है जंग
दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं. नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया. उनके इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया और दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई.