नई दिल्ली. साल 2020 का चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को हेपेटाइटिस सी की खोज के लिए दिया गया है. नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्विटर पर कहा, रक्त-जनित हेपेटाइटिस, विश्व भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है. इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों ने निर्णायक योगदान दिया.
बता दें कि यह अवॉर्ड नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है. यह स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में दिया जाता है. अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था. उनकी इच्छा थी कि इन पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए तो मानव जाति के लिए बेहतरीन काम करते हैं. अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की राशि स्वीडिश बैंक में जमा है और इस पर जो ब्याज बनता है उससे हर साल नोबेल फाउंडेशन नोबेल प्राइज देता है. पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में शांति के लिए दिया गया था.
क्या है नोबेल फाउंडेशन
इसकी स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी. इस फाउंडेशन का उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है. इस फाउंडेशन में कुल पांच लोग होते हैं. इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल करता है. हर साल अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार का ऐलान होता है. नोबेल प्राइज जीतने वाले लोगों को पुरस्कार और धन राशि 10 दिसंबर को दिया जाता है. बता दें कि 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि होती है.
नोबेल प्राइज विजेता को इतना पैसा मिलता है ?
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति को एक नोबेल पदक और डिप्लोमा के साथ पुरस्कार राशि भी दी जाती है. 2019 के नोबेल पुरस्कार पाने वाले विजेताओं को 9 मिलियन स्वीडिश क्राउन दी जाएगी. भारतीय रुपये में इस राशि को कनवर्ट करें तो यह राशि लगभग 6.45 करोड़ रुपये होगी. बता दें कि यह राशि बढ़ती-घटती रहती है. दरअसल साल 2017 से पहले तक नोबेल पुरस्कार जीतने वालों को 8 मिलियन स्वीडिश क्राउन मिलते थे, पर साल 2017 में इसे बढ़ाकर 9 मिलियन स्वीडिश क्राउन (1.12 मिलियन यूएस डॉलर) कर दिया गया है. अगर किसी क्षेत्र में दो या इससे अधिक व्यक्तियों को संयुक्त रूप से नोबेल प्राइज दिया जाता है तो उनके बीच राशि का बराबर बंटवारा किया जाता है.
नोबेल पुरस्कार से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
1-शांति के लिए दिए जाने वाला पुरस्कार ओस्लो में जबकि बाकी सभी अवार्ड स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.
2-किसी एक क्षेत्र में एक साल में अधिकतम 3 लोगों को अवार्ड दिया जा सकता है.
3-अगर एक ही पुरस्कार 2 व्यक्तियों को सांझा रूप से मिला है तो धनराशि दोनों में बांटी जाएगी.
इन भारतियों को मिला है अब तक नोबेल पुरस्कार
भारत में अहिंसा की बदौलत आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी को 5 बार नामांकन मिला, लेकिन उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार कभी नहीं मिला. जिन भारतीय लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला उनके नाम हैं- रविंद्रनाथ टैगोर, हरगोविंद खुराना, सीवी रमण, वीएएस नायपॉल, वेंकट रामाकृष्णन, मदर टेरेसा, सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, कैलाथ सत्यार्थी, आरके पचौरी और अमर्त्य सेन.