नई दिल्ली. भारत-चीन के बीच जारी तनाव को कम करने की कोशिश जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 नवंबर को ब्रिक्स की बैठक में आमने-सामने हो सकते हैं. 17 नवंबर को ब्रिक्स देशों की वर्चुअल बैठक होगी. ब्रिक्स देशों में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं.
बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से गतिरोध बना हुआ है जिससे दोनों के रिश्तों में महत्वपूर्ण रूप से तनाव आया है. विवाद के हल के लिये दोनों पक्षों ने कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की हैं. हालांकि गतिरोध को दूर करने में कोई कामयाबी नहीं मिली.
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 12 अक्टूबर को एक और दौर की बातचीत होनी है जिसका एजेंडा खास तौर पर विवाद वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की रूपरेखा तय करना है. किसी भी चुनौती से निपटने के लिये भारत ने पहले ही ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में हजारों सैनिकों और सैन्य साजो-सामान की तैनाती की है. भारतीय वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अन्य स्थानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अपनी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को पहले ही तैनात कर रखा है.
हाल में वायुसेना के बड़े में शामिल किये गए पांच राफेल लड़ाकू विमान भी पूर्वी लद्दाख में नियमित रूप से उड़ान भर रहे हैं. वायुसेना रात में भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में युद्धक हवाई गश्त कर रही है, जिससे चीन को यह संदेश दिया जा सके कि वह इस पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिये तैयार है.
दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को हुई आखिरी सैन्य वार्ता के दौरान दोनों सेनाओं ने सीमा पर और सैनिकों को नहीं भेजने, जमीनी स्तर पर एकपक्षीय तौर पर स्थिति को बदलने से बचने और मामले को और जटिल बनाने वाले किसी भी कदम से बचने जैसे उपायों की घोषणा की थी.