नई दिल्ली. राज्यसभा की 11 सीटों पर चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इनमें उत्तर प्रदेश की 10 और उत्तराखंड की एक सीट पर राज्यसभा चुनाव होने हैं. इन सभी 11 सीटों पर 27 अक्टूबर को नामांकन और 9 नवंबर को मतदान होगा. मतदान के दिन ही मतों की गणना कर ली जाएगी और नतीजे 11 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल हो रहा पूरा
दरअसल, 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 10 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. इनमें सबसे ज्यादा सपा के सदस्य हैं. सपा के चन्द्रपाल सिंह यादव, रवि प्रकाश वर्मा, विशम्भर प्रसाद निषाद, जावेद अली खान, प्रोफेसर रामगोपाल यादव की सीटें रिक्त हो रही हैं जबकि बीजेपी कोटे की दो सीटें रिक्त हो रही हैं, जिनमें अरुण सिंह और नीरज शेखर की सीट है. इसके अलावा बसपा से वीर सिंह और राजाराम की सीट शामिल है और कांग्रेस कोटे से पीएल पुनिया का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके अलावा उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राज बब्बर का कार्यकाल पूरा हो रहा है.
सपा को तगड़ा नुकसान हो रहा
हालांकि, मौजूदा समय की बात करें तो यूपी विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव तक उनके नतीजे नहीं आ सकेंगे. यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत के लिए हर सदस्य को करीब 37 वोट चाहिए. यूपी में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 306 विधायक हैं जबकि 9 अपना दल और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, सपा 48, कांग्रेस के सात, बसपा के 18 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं.
यूपी की 10 में से 8 से 9 सीटें बीजेपी के खाते में
यूपी के विधायकों के आंकड़े के लिहाज से बीजेपी 10 में से 8 सदस्यों को चुनकर उच्च सदन में आसानी से भेज सकती है. इसके अलावा उसे अतिरिक्त समर्थन मिल गया तो बीजेपी 9वीं सीट भी आसानी से जीत सकती है. वहीं, सपा विधायकों की संख्या के लिहाज से महज एक सीट मिलती दिख रही है जबकि बसपा और कांग्रेस अपने विधायकों के दम पर एक भी सीट नहीं जीत पा रही है. इस तरह से सपा को पांच में से चार सीटों का नुकसान उठाना पड़ेगा तो बसपा को अपनी दोनों सीटों का. वहीं, बीजेपी को 6 से 7 सीटों का सियासी फायदा मिलता दिख रहा है.
राज्यसभा के कुल 245 सदस्य हैं, जिनमें से बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के पास सौ से ज्यादा सदस्य हैं. बीजपी 85, जेडीयू 5, बीपीएफ 1, आरपीआई 1, एनपीएफ 1, एमएनएफ 1 और नामित सदस्य 7 को मिलाकर कुल 101 सदस्यों का समर्थन हासिल है. इसके अलावा एआईडीएमके 9 के सदस्य हैं, जो एनडीए सरकार के साथ हैं. इस तरह से 110 सदस्य हो रहे हैं. ऐसे में यूपी और उत्तराखंड की 11 में से 10 सीटें जीतने में सफल रहते हैं तो यह आंकड़ा 120 पर पहुंच जाएगा. इस तरह से एनडीए पहली बार बहुमत के आंकड़े के साथ मॉनसून सत्र में नजर आएगा.