नई दिल्ली. चीन अपने लाइट कारोबार पर चोट होता देख तिलमिला गया है. तभी भारत में गाय के गोबर से 33 करोड़ दीये बनाने की घोषणा के बाद वीईबो जैसे चीन के ट्विटर पर गाय के गोबर लैंप की खूब चर्चा चल रही है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि गाय के गोबर से बनने वाले दीये से वायु प्रदूषण फैलेगा, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. चीन को इस बात की आशंका है कि इस प्रकार के भारतीय कार्यक्रम से उनका आयात प्रभावित होगा.
हाल ही में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस साल दिवाली से पहले गाय के गोबर से 33 करोड़ दीये बनाने की घोषणा की है. चीन का कहना है कि भारत बिना जांचे-परखे मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित कर रहा है.आयोग ने कहा था कि दिवाली के दौरान चीनी लाइट आइटम के आयात को ध्यान में रखते हुए 33 करोड़ दीये बनाने का फैसला किया गया है. ताकि चीन से आयात कम हो सके.
एक अनुमान के मुताबिक दिवाली के दौरान इस्तेमाल होने वाले 90 फीसद लाइट आइटम चीन से आयातित होते हैं. कामधेनु आयोग के मुताबिक देश के 15 राज्य गाय के गोबर से चीनी आइटम को मुकाबला देने के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं.
चीन से लाइट आइटम के आयात को कम करने के लिए बंदरगाहों पर चीन से आने वाले माल की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है. गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर माल को चीन वापस भेज दिया जाएगा या उसे नष्ट कर दिया जाएगा जिसका खर्च आयातक उठाएगा. इस तरह की बातें सामने आने के बाद चीन बौखलाया हुआ है. हर साल दीवाली के मौके पर बड़े पैमाने पर चीनी लाइटों का आयात किया जाता था मगर जब से चीन के साथ रिश्ते खराब हुए हैं लोग चीनी लाइटों और अन्य सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.