नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिक्स समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लिया. ब्रिक्स सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर बिना नाम लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बदलाव की बात छेड़ी.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस की क्रेडिबिलटी और इफेक्टिवनेस दोनों पर सवाल उठ रहे हैं. इनका प्रमुख कारण यह है कि इनमें समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया. ये अभी भी 75 साल पुराने विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित है. भारत का मानना है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बदलाव बहुत ही अनिवार्य है. इस विषय पर हमें अपने ब्रिक्स पार्टनर के सहयोग की अपेक्षा है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यूएन के अतिरिक्त कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के तहत काम नहीं कर रहे हैं. डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाओं में भी सुधार होना चाहिए.
आतंकवाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.
हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटजी को अंतिम रूप दे दिया गया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा.