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मालदीव के पूर्व प्रधानमंत्री ने किया चाइनीज कर्ज के मकड़जाल का खुलासा

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माले. मालदीव के पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्‍मद नशीद ने चाइनीज कर्ज के जाल पर बड़ा खुलासा क‍िया है. उन्‍होंने कहा क‍ि अगर अपनी दादी की जूलरी भी बेच दें तो चीन का कर्ज नहीं लौटा सकते हैं. उन्‍होंने कहा क‍ि मालदीव की कुल आय का 53 फीसदी ह‍िस्‍सा कर्ज चुकाने में जा रहा है.

चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्‍ट बेल्‍ट एंड के नाम पर कर्ज के जाल में बुरी तरह फंसे मालदीव को कर्ज चुकाने में पसीने छूट रहे हैं. हालत यह है कि मालदीव की सरकार को अपनी कुल आय का 53 प्रतिशत हिस्‍सा कर्ज चुकाने में खर्च करना पड़ रहा है. चीनी कर्ज के मकड़जाल में फंसे मालदीव के पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्‍मद नशीद का ट्विटर पर दर्द छलक उठा. नशीद ने कहा कि हम अपनी दादी मां की जूलरी बेचकर भी ड्रैगन का यह कर्ज नहीं चुका सकते हैं.

वर्तमान समय में मालदीव की संसद के स्‍पीकर नशीद ने ट्वीट करके कहा, ‘हम आज संसद (मजलिस) में वर्ष 2021 के बजट पर चर्चा कर रहे हैं.

मालदीव के कर्ज का भुगतान अगले साल सरकार की कुल आय का 53 फीसदी होगा. कर्ज के इस भुगतान में से 80 फीसदी पैसा चीन को जाएगा. यह पूरी तरह से वहन करने योग्‍य नहीं है. अगर हम अपनी दादी मां की जूलरी भी बेच दें तो भी हम इस कर्ज का भुगतान नहीं कर सकते हैं.’

मालदीव चीन के कर्ज के पहाड़ तले दबता जा रहा

बता दें कि बेल्‍ट एंड रोड प्रोजेक्‍ट के नाम पर पूरी दुनिया को कर्ज के जाल में फंसा रहा चीन अब अपने मकसद में पूरी तरह से सफल होता दिख रहा है.

श्रीलंका के बाद अब भारत का एक और पड़ोसी देश एवं अभिन्‍न मित्र मालदीव चीन के कर्ज के पहाड़ तले दबता जा रहा है. मालदीव सरकार के मुताबिक देश पर चीन का 3.1 अरब डॉलर का भारी-भरकम कर्ज है. वह भी तब जब मालदीव की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था करीब 5 अरब डॉलर की है. कोरोना संकट में अब मालदीव को डिफाल्‍ट होने का डर सता रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था पर्यटन पर निर्भर करती है. कोरोना वायरस संकट की वजह से मालदीव के पर्यटन सेक्‍टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है. मालदीव को टूरिज्‍म से हर साल करीब दो अरब डॉलर की कमाई होती है लेकिन कोरोना की वजह से इसके एक तिहाई कम होने के आसार हैं. अगर कोरोना वायरस बना रहा तो मालदीव को इस साल 70 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

चीन का कुल कर्ज करीब 3.1 अरब डॉलर: नशीद

मालदीव की संसद के स्‍पीकर मोहम्‍मद नशीद कहते हैं कि देश पर चीन का कुल कर्ज करीब 3.1 अरब डॉलर है. इसमें सरकारों के बीच लिया गया लोन, सरकारी कंपनियों को दिया गया लोन तथा प्राइवेट कंपनियों को दिया गया लोन शामिल है जिसे गारंटी मालदीव सरकार ने दी है. नशीद को यह डर सता रहा है कि मालदीव चीन के कर्ज के जाल में फंस सकता है. नशीद ने देश में जिन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट के लिए चीन से लोन लिए गए, उनकी व्‍यवहारिकता पर सवाल उठाए.

नशीद ने पिछले दिनों कहा, ‘क्‍या ये प्रोजेक्‍ट इतना राजस्‍व देंगे कि उनके जरिए कर्ज को वापस किया जा सकेगा? इन परियोजनाओं का बिजनस प्‍लान यह कहीं नहीं दर्शाता है कि लोन को वापस चुकाया जा सकेगा.’ नशीद ने कहा कि चीन के मदद से देश में जारी परियोजनाओं की लागत भी कई गुना बढ़ गई है. यही नहीं जितना पैसा म‍िला है, वह पेपर पर कहीं ज्‍यादा है. उन्‍होंने दावा किया कि मालदीव को केवल 1.1 अरब डॉलर ही सहायता मिली है.

चीन समर्थक अब्‍दुल्‍ला यामीन ने बड़े पैमाने पर लोन लिया

दरअसल, वर्ष 2013 में मालदीव में चीन समर्थक अब्‍दुल्‍ला यामीन की सरकार ने देश में आधारभूत परियोजनाओं के नाम पर चीन से बड़े पैमाने पर लोन लिया था. अब यही अरबों डॉलर का लोन वर्तमान सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. चीन ने अपनी बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के तहत मालदीव सरकार को यह पैसा दिया था. मालदीव में नई सरकार के आने के बाद अब वह देश के आर्थिक सेहत की जांच कर रही है. इसमें कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.

चीन पूरी दुनिया को तेजी से अपने कर्ज की जाल में फंसा रहा है. ड्रैगन की इस डेट ट्रैप डिप्लोमेसी का नया शिकार लाओस बना है. अरबों डॉलर के चीनी कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में लाओस को अपना पावर ग्रिड चीन की सरकारी कंपनी को सौंपना पड़ गया है. हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सरकार और उसकी कंपनियों ने 150 से ज्यादा देशों को 1.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 112 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का लोन भी दिया है.

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