नई दिल्ली. एक दिसंबर से वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने से आरटीओ (RTO) में गाड़ियों से जुड़े लगभग सभी काम रुक जाएंगे.
व्यावसायिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जरूरी कर दी गयी है.
शासन ने एक अप्रैल 2019 से पहले खरीदे गए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया था. शासन से दी गई मियाद सोमवार को समाप्त हो गई. शाम तक शासन ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अवधि बढ़ाई भी नहीं है.
आपको बता दें कि HSRP एक होलोग्राम स्टीकर होता है, जिस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर होते हैं. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहन सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है. यह नंबर प्रेशर मशीन से लिखा जाता है. प्लेट पर एक तरह का पिन होगा जो आपके वाहन से जोड़ेगा. यह पिन एक बार आपके वाहन से प्लेट को पकड़ लेगा तो यह दोनों ही तरफ से लॉक होगा और किसी से नहीं खुलेगा. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बगैर व्यावसायिक वाहनों के आवागमन में मुश्किल होगी. ट्रक, बस, छोटे सवारी वाहनों के लिए परमिट, मासिक टैक्स जमा नहीं होंगे. नयी नंबर प्लेट के बगैर जो भी बंदिशें लागू होंगी, उसका सीधा प्रभाव व्यावसायिक वाहनों पर होगा.
RTO में नहीं होंगे ये काम
>> बिना HSRP के वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की सेकेंड कॉपी
>> वाहन का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर
>> एड्रेस चेंज
>> रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवेशन
>> नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट
>> हाइपोथैकेशन केंसेलेशन
>> हाइपोथैकेशन एंडोर्समेंट
>> EMI वाले वाहनों का निस्तारण
>> मंथली टैक्स
>> नया परमिट
>> टेम्प्रेरी परमिट
>> स्पेशल परमिट
>> नेशनल परमिट का आदि काम नहीं होगा
आपको बता दें कि अभी तक किसी भी वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने पर उसे फिटनेस सर्टिफिकेट देने पर रोक थी. लेकिन 15 अक्टूबर को परिवहन आयुक्त ने एक आदेश जारी कर बिना HSRP वाले सभी वाहनों के आरटीओ (RTO) में होने वाले 13 कामों पर भी रोक लगा दी थी.