बीजिंग. भारत समेत दुनिया के कई छोटे- बड़े देशों को आंखें दिखाने वाले चीन में अब खाद्यान्न संकट की स्थिति गंभीर हो गई है. अब इस समस्या से निपटने के लिए चीन सरकार ने एक नई नीति लागू की है. इसके तहत खाना बर्बाद करने पर लोगों और होटल-रेस्त्रां पर जुर्माना लगाया जाएगा. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे ‘ऑपरेशन एम्प्टी प्लेट’ नाम दिया है. इसका उद्देश्य लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि उतना ही खाएं, जितने की जरूरत है.
चीन में खाने की बर्बादी किस हिसाब से हो रही है, इसका अंदाजा एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि केवल शंघाई और बीजिंग में लोग हर साल इतना खाना बर्बाद करते हैं, जितने में करीब पांच करोड़ लोगों को पूरे साल तक खाना खिलाया जा सकता है. ऊपर से अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वार ने उसके आयात-निर्यात पर असर डाला है और बाकी देशों के साथ भी उसके संबंधों में खटास आई है. वहीं, कोरोना महामारी ने भी आग में घी डालने का काम किया है.
चीन सरकार की इस नई नीति के अनुसार, रेस्त्रां में खाना खाने के लिए जाने वाले लोग, सदस्यों की संख्या से ज्यादा डिश का ऑर्डर नहीं कर सकेंगे. मतलब, अगर चार लोग किसी रेस्त्रां में खाने गए हैं तो उन्हें अधिकतम चार डिश ही ऑर्डर करने की अनुमति होगी. वहीं, प्लेट में खाना छोड़ने पर 10 हजार युआन (करीब 1.12 लाख रुपये) तक का जुर्माना लगया जा सकता है. इसके साथ ही प्लेट में खाना छोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए रेस्त्रांओं को अधिकार दिए जाएंगे.
खाद्य संकट का सामना कर रही चीन की सरकार लोगों की खाना बर्बाद करने की आदत में बदलाव लाना चाहती है. दूसरी ओर खाने की बर्बादी की समस्या के साथ चीन की सरकार देश में बढ़ती मोटापे की समस्या से भी परेशान है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश में 50 करोड़ से अधिक लोग ओवर वेट हैं, यानी उनका वजन सामान्य से अधिक है. साल 2002 में चीन में मोटापे की दर 7.1 फीसदी थी, जो साल 2020 में बढ़कर 16.4 फीसदी हो गई है.