नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर अस्थायी रोक लगा दी है. कोर्ट ने इन कानूनों को रद्द नहीं किया है. सरकार और किसान संगठनों के बीच सुलह के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी में तेजेंदर सिंह मान और अशोक गुलाटी समेत दो अन्य सदस्य हैं. हालांकि सुनवाई से पहले किसान संगठनों ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट कमेटी का गठन करता है तो उन्हें स्वीकार नहीं होगा और उनका आंदोलन जारी रहेगा.
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम अपने अंतरिम आदेश में कहेंगे कि किसानों की जमीन का कॉन्ट्रेक्ट न हो, क्योंकि किसानों को सबसे बड़ा डर इसी का है कि उनकी जमीन छिन जाएगी.
सीजेआई ने कहा, हम कानूनों की वैधता के बारे में चिंतित हैं और विरोध से प्रभावित नागरिकों की जीवन और संपत्ति की रक्षा के बारे में भी. हम अपने पास मौजूद शक्तियों के अनुसार समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं.
हमारे पास अधिकार है कि हम कानून को निलंबित करें और एक समिति बनाएं. यह समिति हमारे लिए होगी. आप सभी लोग जो इस मुद्दे को हल करने की उम्मीद कर रहे हैं, इस समिति के समक्ष जाएंगे. यह कमेटी एक आदेश पारित नहीं करेगी या आपको दंडित नहीं करेगी, यह केवल हमें एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
वहीं सुनवाई के दौरान कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों ने कहा है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे.
जजों ने किसानों के वकील को फटकार लगाई कि ऐसा नहीं हो सकता कि हम जो आदेश जारी करें, उसमें जो आपको अच्छा लगे वो मान लें, और जो अच्छा न लगे वो न मानें. वहीं भारतीय किसान संगठन के वकील ने कहा कि उनके बैनर तले धरना दे रहे बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं घर चले जाएंगे. इस पर जजों ने कहा कि हम आपकी बात को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं.
प्रतिबंधित संगठन आंदोलन को शह दे रहे
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा ने कहा कि कुछ प्रतिबंधित संगठन भी आंदोलन का हिस्सा हैं और शह दे रहे हैं. इस पर जजों ने एटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या आपको भी ऐसा लगता है? इस पर एटॉर्नीा जनरल ने कहा कि वे पता करके बताएंगे. फिर जजों ने कहा कि वे कल यानी बुधवार को इस बारे में बताएं.
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली, सुनवाई सोमवार को
किसान संगठनों ने दावा किया है कि वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करेंगे और गणतंत्र दिवस को बाधित करेंगे. यह मुद्दा कोर्ट में भी उठा. इस पर जजों ने किसान गगठनों को नोटिस दिया और सोमवार को सुनवाई की तारीख तय की.