अयोध्या. राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि देश के पांच बड़े इंजीनियरिंग संस्थान, भवन निर्माण और भू-गर्भ के अध्ययन से जुड़ी संस्थाओं के वैज्ञानिकों ने मंदिर की नींव और धरती के नीचे का अध्ययन किया है. नींव के लिए कार्य प्रारंभ हो गया है. 39 महीने में मंदिर का काम पूरा हो जाएगा.
राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण प्रारंभ करने के लिए बड़ी संख्या में वर्कर अयोध्या पहुंचे हैं. जिसके लिए अयोध्या के रामघाट क्षेत्र स्थित राम सेवक पुरम को तैयार किया जा रहा है. हाल ही में राम सेवक पुरम का श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने निरीक्षण किया था.
किया गया है परिवर्तन
गौरतलब है कि, पिछले दिनों मंदिर निर्माण की नींव की खुदाई पर नीचे बालू की मात्रा अधिक पाई गई थी जिससे मंदिर की दीवार और पिलरों के धंसने की आशंका जताई गई थी. नदी का किनारा और भविष्य में हजारों साल तक मंदिर की नींव की मजबूती को बनाए रखने के लिए अब निर्माण के स्वरूप में परिवर्तन किया गया है. नींव के निर्माण से पहले नींव के साथ ही कंक्रीट की एक बेहद मोटी दीवार का निर्माण किया जाएगा जिससे भविष्य में हजारों वर्षों तक मंदिर की नीव की दीवारों को कोई नुकसान ना पहुंच सके.
मंदिर निर्माण को लेकर सहयोग अभियान शुरू
15 जनवरी से ही मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में सहयोग अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान के तहत राम भक्तों से राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए सहयोग लिया जा रहा है. इस अभियान में वीएचपी और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोग देशभर के करीब 5 लाख 50 हजार गांवों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे. इस दौरान करीब 13 करोड़ परिवारों से धन संग्रह का लक्ष्य रखा गया है. इस सहयोग अभियान में देश के राष्ट्रपति ने भी 5 लाख का चेक देकर अपना योगदान दिया है.