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आम बजट 2021: भले ही दी गई हों जितनी भी राहतें, …पर अधूरी रह गईं कई अहम चाहतें

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नई दिल्ली। कोविड 19 यानि कोरोना वायरस के प्रकोप से वैक्सीन आने के बाद जैसे तैसे कुछ हद तक उबर पाई देश की जनता को आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण से आम बजट 2021 में काफी हद तक अब कुछ ऐसी आर्थिक वैक्सीन की उम्मीद थी जिससे न सिर्फ देश की बल्कि उन सभी की आर्थिक स्थिति भी संवर सके। जिसके सहारे वो 2020 में अधूरे रह गए सपनों को पूरा कर सकें। हालांकि आज काफी हद तक वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने अपने बजट में बहुत कुछ ऐसा कर सकने की कोशिश तो की है।   लेकिन फिर वो ही बात  ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन फिर भी कम निकले’ यानि जनाब मिर्जा गालिब के शेर वाली सिफत काफी हद तक इस बजट में नजर आई है। ये ही वजह है कि इस बजट की कुछ चीजें कुछ लोगों को भायी हैं और कुछ को बिलकुल भी नही भायी हैं। क्यों कि जहां कुछ मायने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आम बजट 2021 बहुत ही अच्छा रहा है तो कुछ मायनों में ये और भी बेहतर हो सकता था अगर इसमें आम जनता को कुछ और राहत दे सकने वाली चीजों का समावेश होता।

गौरतलब है कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया।  जिसको लेकर आम आदमी से लेकर स्वास्थ्य और ऑटो क्षेत्र तक, हर किसी को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं। कोविड-19 महामारी के चलते बजट पहली बार पेपरलेस तरीके से पेश किया गया है। वित्‍त मंत्री एक टैबलेट में बजट से जुड़े दस्‍तावेज लेकर संसद में पहुंची और अपना बजट भाषण दिया। यह एक अंतरिम बजट समेत मोदी सरकार का नौवां बजट है। इस बजट में वैसे तो तमाम लोकलुभावने जनहित से जुड़े ऐलान तो किये ही गये हैं वहीं कहीं न कहीं इस बजट में चनाव होने वाले राज्रूों पर खासी मेहरबानी भी देखने को मिली है।  लंबे लॉकडाउन की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था को लगी तगड़ी चोट को ठीक करने के लिए वित्‍त मंत्री ने बजट 2021-22 में क्‍या अहम घोषणाएं की हैं, आइए आपको बताते हैं।
उसके अनुसार आईये देखें कि किसके हिस्से में आखिर क्या आया और किसको ये बजट रास आया और किसको फूटी आंख नही सुहाया।

क्योंकि वर्ष 2020 में जिस तरह से दुनिया ही नही वरन भारत को भी अचानक फैले कोविड 19 अर्थात कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी सुविधाओं की कमी के चलते अनेकों दुश्वारियों का सामना करना पड़ा था। तो उसे देखते इस बजट में मुख्य रूप से स्वस्थ क्षेत्र और ढांचागत विकास को इम्यनिटी बूस्टर की खुराक दी है। जिसके तहत जहां स्वास्थ्य क्षेत्र पर र्ख्च 137%  बढ़ाते हुए 223846 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है जिसमें से 64180 करोड़ नई योजनाओं पर तो 35000करोड़ टीकाकरण पर पर खर्च किये जायेंगे।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है। सीतारमण ने आम बजट में 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 के दो टीके हैं तथा दो अन्य टीकों की पेशकश जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे गरीब तबके के लाभ के लिए सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाया है।

वहीं देश में नये कृषि कानूनों को लेकर तकरीबन पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे नाराज अन्नदाता को राहत देने के लिये बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी बड़ी सौगात दी गई है। सरकार का दावा है कि अगले वर्ष तक देश के किसानों की आय दुगनी हो जाएगी। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास करने का एलान किया। देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो गई है। गेहूं की एमएसपी डेढ़ गुना कर दी गई है और बीते सात वर्षों में किसानों से दोगुने से ज्यादा धान खरीदा गया है। उनसे सरकारी खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं और उनके भुगतान में तेजी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद मिल रही है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है। दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी भी बढ़ाई गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो बढ़कर एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल यह आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

वहीं शिक्षा क्षेत्र पर भी फोकस करते हुए लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल भी खोले जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि देशभर में 15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाएंगे। सीतारमण ने घोषणा कि 758 स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाएंगे, जिससे की आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। ये स्कूल एकलव्य स्कूल होंगे। इससे आदिवासी छात्रों को बड़ी मदद मिल सकेगी। बजट भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रभावी गुणवत्ता को दृष्टिगोचर करते हुए 15 हजार सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाएगा।  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत हायर एजुकेशन कमीशन का गठन किया गया है। यह देश में उच्च शिक्षा का एकमात्र नियामक होगा। 2019 के बजट में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन खोलने की घोषणा की गई थी। अब 2021-22 के बजट में इसके लिए अगले पांच साल के लिए 50 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है ताकि देशभर में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।

इसी इस बजट में  प्रकार से वरिष्ठ नागरिकों को भी काफी राहत दी गई है। जिसके तहत वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है। अब 75 साल से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की आवश्यकता नहीं होगी। यानी 75 साल के ऊपर के पेंशनधारकों को टैक्स में छूट दी गई है। आम आयकरदाताओं को बजट 2021 में कोई राहत नहीं मिली है। सरकार के इस नियम के दायरे में 75 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ वही लोग आएंगे, जिनकी इनकम का आधार पेंशन या एफडी समेत अन्य माध्यमों से मिलने वाला ब्याज है। ऐसे लोगों को सिर्फ आईटीआर नहीं भरना होगा। पहले की तरह बैंक में ही उनका टीडीएस कट जाएगा। अगर आय का माध्यम कुछ और है, मसलन कारोबार आदि है तो आईटीआर भी फाइल करना होगा।

इसके साथ ही जहां रेल बजट पर खर्च होंगे 1.10 लाख करोड़ रुपये – वित्त मंत्री ने रेलवे को बड़ी सौगात देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने साल 2030 तक तैयार होने वाली भारतीय रेल की नई योजनाओं के बारे में बताया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि इस साल रेल बजट पर 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से पूंजीगत व्यय के लिए 1.07 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि साल 2023 तक देश की 100 फीसदी ट्रेनें बिजली से चलने लगेंगी। शहरों में मेट्रो ट्रेन सर्विस और सिटी बस सर्विस को बढ़ाने के भी प्रवाधान किए जा रहे हैं। वहीं रेलवे की प्रथमिकताओं पर भाषण देते हुए वित्त मंत्री ने ईस्टर्न और वेस्टर्न डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के विस्तार की बात कही।

बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी सरकार- सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। पूंजी के मिलन से इन बैंकों को पूंजी संबंधी नियामकीय शर्तों को पूरा करनें में आसानी होगी। चालू वित्त वर्ष में भी सरकार ने बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था।

8,500 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाएं- देश के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च 2022 तक देश में 8,500 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनओं का आवंटन किया जाएगा। पश्चिम बंगाल को 25,000 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं दी जाएंगी। केरल को 65,000 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल को 25,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं दी जाएंगी। उन्होंने असम को 3,400 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनायें देने का भी एलान किया। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 18,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की गई।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ की योजना- केंद्र सरकार ने देश में डिजिटिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए मैं 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।’ सीतारमण ने कहा कि 2019 के उनके बजट भाषण में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की घोषणा की गई थी। हमने औपचारिकतायें तय कर ली है और एनआरएफ पर अगले पांच साल में परिव्यय 50000 करोड़ रुपये होगा।

स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने तथा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिए बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वााहन कबाड़ नीति की सोमवार को घोषणा की। निजी वाहनों को 20 साल होने पर तथा वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी। यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जायेगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जायेगा। इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

लघु उद्योग की परिभाषा- सरकार ने सोमवार को कहा कि लघु उद्योगों की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा और इनके मौजूदा 50 लाख रुपये के पूंजी आधार को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि बैंकों की फंसे कर्ज की समस्याओं से निपटने के लिए एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी स्थापित की जाएगी, वहीं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की रूपरेखा को मजबूत किया जाएगा।

इसके अलावा सार संक्षेप में एक नजर डाले तो इस बजट में मुख्य बातें कुछ इस प्रकार हैं।

वित् मंत्री के प्रमुख ऐलान-

  • गैस वितरण नेटवर्क के जरिए सीएनजी और रसोई गैस वितरण की सुविधा 100 और जिलों में उपलब्ध कराई जाएगी
  • मुफ्त रसोई-गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा
  • टीयर 2 और टियर 3 शहरों के एयरपोर्ट्स का निजीकरण
  • टीयर 1 के पेरिफेयरल एरियाज और टीयर 2 शहरों के लिए नई मेट्रो तकनीक – मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो
  • नैशनल रेल प्लान 2030 तैयार है। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा
  • वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलावा 64,180 करोड़ रुपये के खर्च के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत का प्रस्‍ताव
  • 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के लिये 2.87 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ जल जीवन मिशन की घोषणा
  • अगले पांच साल में 1,41,678 करोड़ रुपये के व्यय के साथ स्वच्छ भारत का दूसरा चरण
  • सरकार 2021-22 में कोविड-19 टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये देगी
  • उत्पादन आधारित योजना (पीएलआई) पर इस वित्त वर्ष से शुरू, अगले पांच साल में 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे
  • पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा, निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस परीक्षण का प्रस्ताव
  • गेल इंडिया लि., इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और एचपीसीएल की 20 पाइपलाइन को बाजार पर चढ़ाया जाएगा
  • बुनियादी ढांचा को और बेहतर करने के लिये मार्च 2022 तक 8500 किमी सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं का आवंटन
  • विधानसभा चुनाव वाले राज्य पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की घोषणा
  • केरल में सड़क, राजमार्ग परियोजनाओं के लिये 65,000 करोड़ रुपये तथा असम के लिये 3,400 करोड़ रुपये आवंटित
  • शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये 18,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा
  • बिजली उपभोक्ताओं को एक से अधिक वितरण कंपनियों में से किसी को चुनने का विकल्प देने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी
  • हरित ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अगले वित्त वर्ष में हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन शुरू होगा
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 2,000 करोड़ से अधिक की सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा
  • व्यापारिक-जलपोतों पर भारत में ध्वज लगवाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक सब्सिडी योजना शुरू की जाएगी
  • बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी देने का प्रस्ताव
  • एलआईसी का आईपीओ 2021-22 में लाया जाएगा
  • सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का विनिवेश किया जाएगा
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