नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गये. पार्टी ने कहा कि उनका आना बदलते हुए समय का संकेत है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने संवाददाता सम्मेलन में नसीमुद्दीन के पार्टी में शामिल होने की घोषणा की. इस अवसर पर बसपा के कई पूर्व मंत्री, विधायक एवं पूर्व विधान पार्षद सदस्य भी कांग्रेस में शामिल हुए. आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इन बड़े नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना बदलते हुए समय का संकेत है. इस अवसर पर मौजूद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि इन नेताओं के पार्टी में आने से जमीनी स्तर पर पार्टी की स्थिति मजबूत होगी.
यह पूछे जाने पर कि इतने सारे बसपा नेताओं के कांग्रेस में आने से क्या बसपा कहीं खाली तो नहीं हो जाएगी, आजाद ने कहा कि इनमें से अधिकतर नेता ऐसे हैं जिन्हें स्वयं मायावती ने बसपा से निकाला था. उन्होंने कहा कि ये नेता कांग्रेस में बिना किसी शर्त के शामिल हुए हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या इन नेताओं के आने से विपक्ष में व्यापक गठबंधन बनाने पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, आजाद ने कहा कि व्यापक गठबंधन बड़े लक्ष्यों को लेकर बनाया जाता है. इससे व्यापक गठबंधन पर असर नहीं पड़ेगा.
उन्हें मायावती के बेहद करीबी लोगों में से एक माना जाता था. वह बीएसपी के लिए बड़ा मुस्लिम चेहरा भी थे. सूत्रों के अनुसार दिल्ली में सिद्दीकी के साथ-साथ करीब एक दर्जन पूर्व सांसद और विधायकों भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. पिछले साल बीएसपी से निकाले जाने के बाद सिद्दीकी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने इस दौरान मायावती के साथ बातचीत के रिकार्डिंग भी मीडिया के सामने रखा था. उनका दावा था कि उस रिकार्डिंग में मायावती उनसे पैसे पहुंचाने की बात कर रही हैं.
हालांकि बाद में बीएसपी के कई बड़े नेताओं ने इस रिकार्डिंग को बेबुनियाद बताया था. कांग्रेस में बीते कुछ दिनों में कई बड़े नेता शामिल हो चुके हैं. इसी क्रम में सिद्दीकी से पहले अरविंदर सिंह लवली का नाम भी आता है. लवली ने दिल्ली में नगर निगम चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल होने की घोषणा करके कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया था.