लखनऊ मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या का मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ़ डॉक्टर सोमवार तड़के विभूतिखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया।
गिरधारी इस समय तीन दिन की रिमांड पर था और रविवार की रात विभूतिखंड पुलिस और वाराणसी पुलिस ने कई घंटे उससे पूछताछ की थी। पुलिस का दावा है कि तड़के उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चलाई जिसमें जवाबी फायरिंग में सहारा अस्पताल के पास उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।
6 जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड मै अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसमें मुख्य शूटर गिरधारी था। उसके साथ पांच अन्य शूटर थे। 11 जनवरी को गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी। हत्या के अन्य राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 जनवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 जनवरी की सुबह खत्म हो रही थी।
शूटर गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी। अजीत की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था।
इस मामले में साजिशकर्ता और अन्य बदमाशों के बारे में गिरधारी से कई जानकारियां पता करने के लिए वाराणसी पुलिस रविवार दोपहर को लखनऊ पहुंची थी।
दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी लेकिन उसे रिमांड नहीं मिली थी। लखनऊ की तरह ही गिरधारी वाराणसी कोर्ट में भी नहीं गया था और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उसने अगली तारीख ले ली थी।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। सहारा अस्पताल के पास उसने भागने का प्रयास किया जिसमें मारा गया। इस हत्याकांड में शूटर रविदेव, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर और मददगार विपुल अभी फरार चल रहे हैं।